ITBP ने किया शहीद जवानों की वीर नारियों को सम्मानित

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शहीद जवानों की पत्नियों को आईटीपी ने सम्मानित किया
शहीद जवानों की पत्नियों को आईटीपी ने सम्मानित किया

पटना। ITBP ने किया शहीद जवानों की वीर नारियों को सम्मानित। दिवंगत जवानों की वीर नारियों व आश्रितों को उनके घर जाकर सम्मानित किया गया। ITBP  के क्षेत्रीय मुख्यालय (पटना) कार्यालय द्वारा फोर्स की कल्याणकारी संस्था हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा ) के सौजन्य से बल के वर्ष 201 8 में बिहार राज्य के दिवंगत हुए जवानों की वीर नारियों व आश्रितों को उनके घर जाकर स्मृति चिन्ह  देकर सम्मानित किया गया।

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इस अवसर पर श्री संजीव कुमार सिंह, उप महानिरीक्षक, क्षेत्रीय मुख्यालय (पटना) द्वारा स्मृति चिन्ह समेत इन वीर नारियों के नाम लिखित एक पत्र,  आईटीबीपी के प्रतिनिधि द्वारा भेंट किया गया। इस पत्र के माधयम से इन परिवारों के लिए भारत सरकार और बल द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय लाभांशों जैसे- बच्चों  की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता  (शिशु शिक्षा भत्ता के तहत 2250 /- शिक्षा के लिए और 6750 /- हॉस्टल के लिए प्रति माह देय है), प्रोफेशनल कोर्सों के लिए (सरकारी इंजीनियरिंग / मेडिकल/ CLAT संस्थानों  के लिए 50 ,000 /- रुपये वार्षिक ), पुत्री  की शादी के लिए सहायता राशि, दिवंगत पदाधिकारी के गरीबी में जीवन यापन कर रहे माता-पिता के लिए सहायता राशि, प्राकृतिक आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों के निर्माण हेतु सहायता राशि आदि से ससंबंधित एक पुस्तिका भी भेंट की गई।  इस पुस्तिका में लिखित विभिन्न योजनाओं के बारे में इन वीर नारियों को प्रतिनिधियों द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।

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आईटीबीपी द्वारा इस विशेष प्रयास के तहत लगभग 124 दिवंगत कर्मियों के परिवारों की वीर नारियों को सम्मानित करने की योजना है।  बिहार के वैशाली जिले के मकोली गांव के स्वर्गीय श्री संजीत कुमार , सह उप निरीक्षक की पत्नी श्रीमती सीता देवी और बिहटा के आनंदपुर कैंप के स्वर्गीय श्री रॉबिन कुमार , हेड कांस्टेबल की पत्नी श्रीमती बिंदु देवी को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त नालंदा जिले के देहभिघा के रहने वाले स्वर्गीय श्री रहीश कुमार, कांस्टेबल की पत्नी श्रीमती कविता कुमारी को अनुकम्पा के आधार पर बल में भर्ती किया गया है। कविता इस समय बल के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षणाधीन है।

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आईटीबीपी की इस सकारात्मक पहल से बल के दिवंगत कर्मियों के परिवारों को एक विस्तृत परिवार के सदस्य के रूप में इनकी देखरेख करने का निर्णय लिया गया है, जिससे इन परिवारों के सदस्य और बच्चों के जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों में सहायक के तौर पर अग्रणी भूमिका निभा सके।  इस प्रकार आईटीबीपी का जवान चाहे देश की सुरक्षा के दौरान शहीद हो या किसी अन्य कारण से दिवंगत हुए हों, उनके परिवारों के सुख-दुःख में यह बल सदैव तत्पर है।

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आईटीबीपी भारत-चीन सीमा की लगभग 3488 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा में तैनात है। यह बल हिमालयों, नक्सल विरोधी अभियान, वीआईपी ड्यूटी, चुनाव ड्यूटी आदि में तैनात है। आईटीबीपी के जवान एवरेस्ट की चोटी समेत कई कठिनतम पर्वतारोहण अभियानों में अपना लोहा मनवा चुके हैं।  इसके अतिरिक्त  कई साहसिक खेलों में आईटीबीपी के जवान अग्रणी भूमिका अदा करते हैं।

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