मीसा भारती भले मेरे हाथ काट ले, हम कटे हाथों से भी आशीष ही देंगे

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मीसा भारती के हाथ काटने वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने की भावुक टिप्पणी

पटना।  भारतीय जनता पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव राष्‍ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव की बेटी व राज्य सभा सांसद मीसा भारती के बयान सुनकर इमोशनल हो गये। फिर भी वे संयमित रहे। उन्होंने भावुक शब्दों में बस इतना ही कहा, ऐसा बयान एक सेवक नहीं, बल्कि दबंग शासक ही दे सकता है। मैं तो एक गरीब किसान का बेटा हूं। मेरे पिता जानवरों के चारा के लिए कुट्टी काटते थे और दूध बेचते थे। अपने कटे हाथों से भी मैं मीसा को आशीर्वाद ही दूंगा।

विदित हो कि मीसा भारती ने बिक्रम की एक सभा में केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के हाथ काटने की बात कही थी। मीसा ने कहा था वे जानवर का कुट्टी काटते थे। लालू यादव ने उन्हें विधायक और सांसद बनाया था। उन्होंने कहा कि मीसा उनकी बेटी की तरह हैं और उसका कटा हाथ भी उसे आशीर्वाद देने के लिए ही उठेगा।

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दरअसल, 2014 लोकसभा चुनाव में जब लालू यादव ने पाटलिपुत्र संसदीय सीट से मीसा भारती को राजद का प्रत्याशी बना दिया था तो रामकृपाल यादव ने लालटेन छोड़ कर कमल को अपना लिया और मीसा को हरा कर लोकसभा पहुंच गए थे। उस चुनाव में रामकृपाल यादव ने मीसा भारती को जबरदस्त शिकस्त दी थी। तब से लालू यादव का परिवार रामकृपाल यादव पर आग बबूला बताया जाता है।

मीसा को इस बात का मलाल है कि रामकृपाल को नेता उनके पिता लालू यादव ने बनाया था तो फिर वे दूसरे दल में क्यों चले गये? लालू यादव के साथ वफादारी क्यों नहीं निभाई? राज्य सभा सांसद मीसा के केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पर दिये गए बयान को लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। लालू यादव जन सभाओं के बीच अपने को भैंस चरानेवाला गरीब किसान का बेटा बताते थे। ऐसी बातें बता कर गरीब व मिडिल वर्ग का विश्वास जीतने में सफल रहे।

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दरअसल राजनेता लोगों को भावुक और मर्माहत कर अपने पक्ष में जनमत बनाते हैं। इससे भी बात नहीं बनी तो स्वजातीय और क्षेत्रीय होने का दंभ भरते हैं, ताकि जनता का विश्वास किसी तरह अर्जित किया जा सके।

16 जनवरी को मीसा ने दिया था बयान

16 जनवरी को पटना के बिक्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद व लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा था कि राम कृपाल यादव उनके घर पर चारा काटते थे। इसलिए बचपन से ही उनके लिए मन में बहुत सम्मान था। परंतु जब उन्होंने राजद छोड़कर सुशील कुमार मोदी से हाथ मिला लिया तो मुझे बहुत गुस्सा आया। मीसा ने आगे कहा कि वे जिस दिन सुशील मोदी के साथ हाथ पकड़ कर खड़े थे, मुझे इतना गुस्सा आया कि मन किया कि उसी कुट्टी काटने वाले गंडासे से उनका हाथ काट दें।

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