भारत में शायद ही किसी ने काला टमाटर देखा होगा या इसका नाम सुना होगा। अगर जान जायेंगे तो आप इसके सेवन के लिए बेचैन हो जायेंगे। इसलिए कि भारत में महामारी की शक्ल ले रही डायबिटीज की बीमारी के इलाज के लिए इसका सेवन राम वाण है। अपने आप में खास तरह के इस टमाटर को इन दिनों काफी पसंद किया जा रहा है। अभी तक यह विदेश की वस्तु मानी जाती थी, लेकिन अब इसके बीज भारत में भी उपलब्ध है। कोई चाहे तो इसे अपने यहां भी उपजा सकता है।
काला टमाटर को अंग्रेजी में इंडिगो रोज टोमेटो कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के ठाकुर अर्जुन चौधरी इसके बीज विक्रेता हैं। अर्जुन चौधरी के पास काले टमाटर के बीज उपलब्ध हैं। अर्जुन के मुताबिक उन्होंने काले टमाटर के बीज ऑस्ट्रेलिया से मंगवाए हैं। इसकी खेती भी लाल टमाटर की तरह ही होती है। इसके लिए कुछ अलग करने की जरूरत नहीं होती। काले टमाटर के बीज के एक पैकेट में 130 बीज होते हैं। एक पैकेट की कीमत 110 रुपए है।
काले टमाटर की नर्सरी सबसे पहले ब्रिटेन में तैयार की गई थी, लेकिन अब इसके बीज भारत में भी उपल्बध हैं। किसान इसके बीज ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। अर्जुन चौधरी इसकी खासियत बताते हैं, कहते हैं कि इसकी खास बात यह है कि इसको शुगर और दिल के मरीज भी खा सकते हैं। यह बाहर से काला और अंदर से लाल होता है। इसको कच्चा खाने में न ज्यादा खट्टा है, न ज्यादा मीठा। इसका स्वाद नमकीन जैसा है।
यह भी पढ़ेंः नीतीश के करीबी शाश्वत गौतम को कांग्रेस ने अपने पाले में लिया
यह टमाटर गर्म क्षेत्रों में अच्छे से उगाया जा सकता है। ठंडे क्षेत्रों में इसे पकने में दिक्कत होती है। अर्जुन चौधरी के मुताबिक यह टमाटर भारत में पहली बार उगाया जा रहा है। इसलिए इसके रेट भी अच्छे मिलेंगे। इसको पकने में करीब चार महीने का समय लगता है। जनवरी महीने में इसकी नर्सरी की बुवाई की जा सकती है और मार्च के अंत तक इसकी नर्सरी की रोपाई की जा सकती है। यह टमाटर लाल टमाटर के मुकाबले थोड़ा देर से होता है। लाल टमाटर करीब तीन महीने में पक कर निकलना शुरू हो जाता है और इसको पकने में करीब चार महीने का समय लगता है।
किन-किन रोगों के लिए फायदेमंद
- शुगर के मरीजों के लिए है रामबाण
- आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद है
- यह आपको हार्ट अटैक से बचाता है
- दिल को सुरक्षा प्रदान करता है