पटना। JDU (जेडीयू) के लिए BJP (बीजेपी) की स्ट्रेटडजी को समझना आसान नहीं है। NDA की कल हुई बैठक में LJP नेता चिराग पासवान को न्यौता से यह साफ है। असेंबली इलेक्शन में BJP की घोषणा और JDU की आपत्ति के बावजूद ऐसा हुआ। बैठक में चिराग को न्यौता दिये जाने की सूचना जैसे ही जेडीयू को मिली, इसके नेताओं ने आसमान सिर पर उठा लिया। बीजेपी खामोश रही और चिराग पासवान ने बीमारी की बात कह कर बैठक में शामिल होने में असमर्थता जता दी। यानी बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साध लिये। बीजेपी ने जेडीयू को यह संकेत भी दे दिया कि एलजेपी के नेता चिराग पासवान से उसे परहेज नहीं है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान को लेकर JDUकी नाराजगी का आलम यह है कि उनके इकलौते विधायक राजकुमार सिंह को जेडीयू ने अपने पाले में कर लिया। नीतीश कुमार से राजकुमार सिंह ने मुलाकात की थी। उसी वक्त साफ हो गया था कि एक निर्दलीय और बीएसपी के एक विधायक को जेडीयू अपने पाले में करने के बाद राजकुमार सिंह पर नजर गड़ाये हुए है। फिलवक्त बिहार में एलजेपी का अब कोई विधायक नहीं बचा।
जेडीयू के इस कदम पर बीजेपी ने मौन साध लिया। इसे JDU ने बीजेपी का मौन समर्थन समझने की भूल कर दी। कल की एनडीए की बैठक में चिराग पासवान को एलजेपी प्रतिनिधि के तौर पर जब आमंत्रित किया गया, तब जाकर जेडीयू की आंख खुली। जेडीयू और हम के नेता जीतन राम मांझी ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी। शालीन शब्दों में बीजेपी को खरी-खोटी भी सुनाई। असेंबली इलेक्शन के दौरान बीजेपी नेताओं की एलजेपी के बारे में की गयी घोषमा याद दिलायी गयी।
बीजेपी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया तो नहीं आई, लेकिन अब बिहार की उपमुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता रेणु देवी ने साफ कह दिया है कि एनडीए जैसा था, वैसा ही बना रहेगा। मांझी और जेडीयू नेताओं के बयान को भी उन्होंने शालीनता से यह कह कर टाल दिया कि ऐसा होता है। किसी के मन में कोई तल्खी होती है तो जुबान से बात नितल जाती है। लेकिन एनडीए के स्वरूप में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी इशारों-इशारों में उन्होंने साफ कर दिया कि एलजेपी भी एनडीए का हिस्सा है। बीजेपी कोटे से उपमुख्मंत्री रेणु देवी के इस बयान के मायने स्पष्ट हैं।
पिता रामविलास पासवान के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह सांत्वना देने चिराग के घर पहुंचे और बाद में उन्हें पद्मभूषण दिये गया, उससे चिराग पासवान इतने आह्लादित थे कि उन्होंने अखबारों में पूरे पेज का इश्तेहार देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताया। चिराग पासवान भले ही नीतीश कुमार के खिलाफ बोलते रहे हों और जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतार कर चुनाव में उसकी खटिया खड़ी की हो, लेकिन उन्होंने हमेशा नरेंद्र मोदी को अपना अभिभावक बताया है। अपने 6 सांसदों के सहारे उन्हें संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी द्वारा जगह दिये जाने की उम्मीद भी है। इसलिए एनडीए की वर्चुअल बैठक में गैरहाजिरी की तो कल्पना ही नहीं की जा सकती। संभव है, बीजेपी ने जेडीयू के रिएक्शन के बाद अस्वस्थता की वजह बता कर उन्हें बैठक में न शामिल होने की सलाह दी हो। बीजेपी बंगाल विधानसभा चुनाव तक कोई लफड़ा मोल लेने से परहेज करेगी।
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