रघुवर ने झारखंड में खाली पड़े व अर्द्धनिर्मित भवनों की सूची मांगी

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रांची। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने राज्य में अर्धनिर्मित और खाली पड़े सभी सरकारी भवनों को चिह्नित करने तथा उनकी वर्तमान उपयोगिता की समीक्षा कर रिपोर्ट सीएमओ में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों से एक हफ्ते के अंदर जिले में स्थित ऐसे सभी भवनों की रिपोर्ट मांगी है। हजारीबाग के श्री मनोज गुप्ता ने खीरगांव में वर्ष 2010 से अर्धनिर्मित पड़े अल्पसंख्यक छात्रावास का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखते यह बात उठायी, जिस पर मुख्यमंत्री ने यह निदेश दिया। मुख्यमंत्री सूचना भवन सभागार से मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम के तहत आयोजित ‘सीधी बात’ कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आये शिकायतकर्ताओं तथा अधिकारियों से सीधे रू-ब-रू थे।

अनुकंपा नियुक्ति के सभी लंबित मामलों का रिव्यू करेः पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत गोलमुरी पुलिस लाइन के हवलदार देवेंद्र सिंह की सेवाकाल के दौरान 2013 में मृत्यु के बाद उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर अब तक नौकरी न मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री को उपायुक्त ने बताया कि अगले दो दिन के अंदर इन्हें नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को पूरे राज्य में अनुकंपा पर नियुक्ति से जुड़े समस्त मामलों का प्राथमिकता के आधार पर रिव्यू कराने का आदेश दिया।

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माइन्स बोर्ड के कर्मियों के बकाये के भुगतान का आदेशः ‘सीधी बात’ के दौरान राजेश कुमार ने खान परिषद (माइन्स बोर्ड) के लगभग 80 सेवानिवृत्त एवं मृत कर्मियों के आश्रितों को देय लाभ का भुगतान 1989 से लंबित रहने की शिकायत की। इन्हें 70 प्रतिशत भुगतान दिया गया है तथा 30 प्रतिशत के लिए मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को उच्चस्तरीय निर्णय लेकर सभी सेवानिवृत्त कर्मियों एवं उनके आश्रितों के साथ बैठक कर बकाया संबंधी दावों की जांच करें और विशेष पैकेज के तहत एकमुश्त राशि का भुगतान करायें।

राज्य सरकार अपने फंड से करायेगी बिरसा चेकडैम का भुगतानः कोडरमा जिले में भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बिरसा चेकडैम के निर्माण के एवज में राशि का भुगतान न किये जाने से जुड़ी एक शिकायत की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि केंद्र सरकार से 33 करोड़ रुपये की राशि न मिल पाने के कारण पूरे राज्य में चेकडैम निर्माण की कई योजनाओं का भुगतान लंबित हैं। उन्होंने विभागीय सचिव को आगामी दिसंबर तक राज्य सरकार के फंड से चेकडैम की सभी लंबित योजनाओं को पूरा कराने का आदेश दिया।

किसानों की बर्बाद फसल की क्षतिपूर्ति तत्काल देः धनबाद के बैजनाथ प्रसाद ने शिकायत की कि राजगंज प्रखंड में पैक्स की ओर से उपलब्ध कराये गये धान बीज की रोपनी के बाद समय पूर्व बाली निकल आने के चलते 2013-14 में किसानों की फसल बर्बाद हो गयी थी, लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इस पर उपायुक्त ने बताया कि जिस कंपनी ने फसल का बीमा किया था, उस पर एफआईआर कर रकम की रिकवरी करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसान क्यों भुक्तभोगी बने रहें ? उन्होंने बीमा कंपनी की गारंटी की रकम से किसानों का दावा राशि 66 लाख का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

रैयतों की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा दिसंबर तक दें : गढ़वा जिले के पुष्पक कुमार सिंह ने रमना से मझियांव तक पथ निर्माण के लिए 700 रैयतों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अब तक नहीं मिलने की शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। इसपर सीएम ने संबंधित विभाग के सचिव और गढ़वा के उपायुक्त को निर्देश दिया कि दिसंबर तक हर हाल में एक-एक रैयत के मुआवजे का भुगतान करायें। इसी तरह चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड में भद्रकाली माता मंदिर क्षेत्र में पर्यटन विभाग की ओर से स्थानीय लोगों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा न मिलने का मामला भी सीएम के संज्ञान में लाया गया। श्री दास ने चतरा के उपायुक्त को निर्देश दिया कि ग्रामीणों के साथ बैठक कर सभी के दावों का एकमुश्त रूप से भुगतान करें।

शौचालयों का निर्माण 2 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करायें: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत राशि की उपलब्धता के बावजूद शौचालयों का निर्माण नहीं कराये जाने की शिकायत चंदन प्रधान ने की थी। मुख्यमंत्री ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को कहा कि एक हफ्ते के भीतर योजना के तहत बनने वाले सभी शौचालयों का निर्माण पूरा करायें। उन्होंने अन्य सभी जिलों के उपायुक्तों को भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण का काम 2 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा कराने का आदेश दिया।

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सीधी बात में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार वर्णवाल के अलावा सभी विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी जिलों के उपायुक्त एवं शिकायतकर्ता उपस्थित थे।

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