मीरा कुमार व कुशवाहा की मुलाकात बेनतीजा, सीटों पर टस से मस नहीं हुए लालू
- राणा अमरेश सिंह
रांची/पटना। रिम्स में लालू यादव से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात बेनतीजा रही। दोनों गये थे कांग्रेस के लिए अधिक सीटें मांगने, लेकिन लालू टस से मस नहीं हुए। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि अपनी जमीन कमजोर कर वह दूसरे को पांव जमाने नहीं दे सकते।
चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव रिम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती हैं। महागठबंधन में सीटों के गड़बड़झाले को सुलझाने के लिए डेढ़ घंटे से अधिक समय तक तीनों ने माथापच्ची की। सूत्रों के मुताबिक लालू यादव ने संकेतों से मीरा कुमार को एक बार फिर स्पष्ट किया वे अपने पैरों को कमजोर कर के दूसरे के हाथ को मजबूत नहीं करेंगे। सोनिया गांधी की नजदीकी मानी जानेवाली मीरा कुमार को भी लालू यादव ने दो टूक जवाब दे दिया।
हालांकि लालू यादव से मिलने का कारण मीरा कुमार ने कुशल क्षेम बताया था। रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा एक माह में दूसरी बार लालू यादव से मिले। उनका भी कहना था कि लालू जी की खैरियत जानने गये थे। समझा जाता है कि जब तक सीट शेयरिंग फार्मूले की समस्या हल नहीं हो जाती, तब तक लालू यादव की तबीयत ठीक नहीं होगी।
रिम्स में इलाजरत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने वाले नेताओं की फेहरिस्त शनिवार का दिन होने कारण लंबी थी। शनिवार लालू यादव से मुलाकात का दिन होता है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के साथ लालू यादव से मुलाकात करने पहुंची थीं। रिम्स में नेताओं की दौड़ साबित करती है कि लालू यादव रत्ती भर भर भी टस से मस नहीं हो रहे हैं।
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बताया जाता है कि राजद 22 लोकसभा सीट से कम पर लड़ने को तैयार नहीं है। कांग्रेस को वह 9-10 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है। शेष 8-9 सीटों को महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के बीच बांटना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक मीरा कुमार ने सेकुलर वोट बंटने की सूरत में राजग को बाजी मारने का भय भी दिखाया। फिर भी लालू यादव के कान पर जूं तक नहीं रेंगीं। लालू यादव ने दावा किया कि इस बार बिहार में लालटेन की बारी है। मृदुभाषी मीरा कुमार ने लालू यादव के संकेतों को समझ कर विशेष समझाने का प्रयास नहीं किया।
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इससे पहले भी उपेंद्र कुशवाहा, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के साथ लालू यादव सीट शेयरिंग पर रिम्स में बैठक कर चुके हैं। उस समय सीट शेयरिंग को खरमास के बाद हल करने का दावा किया गया था। मगर खरमास के गुजरे दस दिन से अधिक हो गये, फिर भी नतीजा नहीं निकला है।
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दरअसल कांग्रेस के अलावा राजग से निकलकर आये रालोसपा और जीतन राम मांझी लालू यादव की शर्तों पर कंप्रोमाइज करने को तैयार नहीं हैं। लालू यादव सभी सहयोगियों को यही समझाने का प्रयास करते हैं कि भाजपा को हराना मुख्य मुद्दा है। इसलिए सीटों को लेकर घटक दल हाय तौबा न मचायें। समझा जाता है कि शरद यादव जैसे नेताओं को उन्होंने लालटेन लेकर संसद में प्रवेश के लिये तैयार भी कर लिया है। भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को भी गिफ्ट में लालटेन देने की सूचनाएं भी राजद खेमे में तैर रही हैं।
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