LIC के कर्मचारियों ने घंटे भर की सांकेतिक हड़ताल की

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LIC के अधिकारी-कर्मचारी संगठनों ने गया में घंटे भर की हड़ताल की और प्रदर्शन किया
LIC के अधिकारी-कर्मचारी संगठनों ने गया में घंटे भर की हड़ताल की और प्रदर्शन किया

गया। LIC के कर्मचारियों ने आज घंटे भर की सांकेतिक हड़ताल की। हड़ताल का आह्वान एलआईसी के सभी कर्मचारी-अधिकारी स्तर के संगठनों ने किया था। भारतीय जीवन बीमा निगम के समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आज देश भर के कार्यालयों में 1 घंटे की सांकेतिक हड़ताल का आह्वान किया गया था।

इसी क्रम में स्थानीय गया शाखा 1 कार्यालय में भी सभी श्रेणी के कर्मचारी एवं अधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। साथ ही 1 घंटे की हड़ताल में शामिल होकर केंद्र सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियों का पुरज़ोर विरोध किया। प्रथम श्रेणी अधिकारी संगठन के सचिव  मोहन राम, विकास अधिकारी संगठन के सचिव  अनिल कुमार सिंह, तृतीय श्रेणी कर्मचारी के सचिव मनीष कुमार के नेतृत्व में सारे सदस्यों ने मिलकर भारतीय जीवन बीमा में सरकार की अपनी कुछ हिस्सेदारी को निजी हाथों में बेचने के निर्णय को अनुचित ठहराया।

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वक्ताओं ने सरकार की इस मंशा पर आशंका व्यक्त की कि धीरे-धीरे एक-एक कर सभी सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में बेच देने का अर्थ है कि सरकार आर्थिक मामलों में विफल हो गयी है और अब सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचना ही एकमात्र उपाय बच गया है।

जीवन बीमा क्षेत्र की एक मात्र लाभ देने वाली सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी स्थापना 1956 से निरंतर केंद्र सरकार को प्रति वर्ष लाभांश के रूप में हज़ारों करोड़ रुपये देती रही है। इस वर्ष भी निगम ने लाभांश के रूप में केंद्र सरकार को 2600 करोड़ रुपये दिये हैं।

भारत की हर प्रकार की आधारभूत योजनाओं में इसका महत्वपूर्ण योगदान सर्वविदित  है। देश की किसी भी कंपनी को आर्थिक सहायता की आवश्यकता  होती है तो केंद्र सरकार निगम की ओर ही देखती है। आर्थिक रूप से अत्यंत सुदृढ़  एवं प्रति वर्ष हज़ारों करोड़ रूपये देने के बावजूद अपनी कुछ हिस्सेदारी निजी हाथों में बेचने के सरकार के इस इरादे पर जनता में अच्छा सन्देश नहीं गया है। तमाम उपस्थित सदस्यों ने मिलकर एक स्वर में हर स्तर पर इसका विरोध करने का निर्णय लिया। आगे भी व्यापक संघर्ष करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया गया।

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