Lockdown के दौरान UP में तनाव से बचाने के लिए काउंसेलिंग

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Lock Down के दौरान UP में आश्रय स्थलों या शेल्टर होम्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आनोखी पहल की है।
Lock Down के दौरान UP में आश्रय स्थलों या शेल्टर होम्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आनोखी पहल की है।
  • आश्रय स्थलों या शेल्टर होम्स में रह रहे लोगों को मिलेगी सुविधा
  • सभी सीएमओ और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को दिये गये निर्देश

वाराणसी। Lockdown के दौरान UP में तनाव से बचाने के लिए अब उनकी काउंसेलिंग करने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। Lock Down के दौरान UP में आश्रय स्थलों या शेल्टर होम्स में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आनोखी पहल की है। इन मजदूरों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए अब उनकी काउंसेलिंग की जाएगी। साथ ही बताया जाएगा कि लॉक डाउन के दौरान उनको अपना समय बेहतर तारीके से किस तरह व्यतीत करना है।  इस संबंध में महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने शुक्रवार को सीएमओ और जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को एक पत्र जारी किया गया है।

पत्र में मानसिक स्वास्थ्य के राज्य नोडल अधिकारी सुनील पांडे ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट की रिट पिटीशन संख्या- 468 /2020 एवं 469 /2020 में दिये गए निर्देशों के अनुपालन में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भूमिका अहम है। गौरतलब है कि कोर्ट ने सरकार से अपेक्षा की है कि वह सुनिश्चित करे कि लॉक डाउन के दौरान समस्त शेल्टर होम्स में आमजन को किसी तरह के मानसिक तनाव का सामना न करना पड़े।

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इस संबंध में वाराणसी जिला स्वास्थ्य विभाग को शुक्रवार को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम्स या आश्रय स्थलों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिए समय-समय पर काउंसेलिंग करें। इस कार्य के लिए जिले में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत तैनात साइकेट्रिस्ट, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकेट्रिक सोशल वर्कर की मदद लें।

साथ ही यह भी निर्देश है कि जिन जनपदों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, वहां राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम या अन्य कार्यक्रम में तैनात क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, काउंसलेर्स और साइकोलॉजिस्ट से सेवाएं ली जाएं। पत्र में यह भी स्पष्ट है कि लॉकडाउन के दौरान शेल्टर होम्स या आश्रय स्थलों में काउंसेलिंग कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए आवागमन और सुरक्षा आदि का भी पूरा ध्यान रखा जाये।

कोरोना टेस्ट के लिए यूपी में 7 मेडिकल कालेजों में सुविधा

कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों द्वारा हाई रिस्क जनसंख्या को चिन्हित कर उनके सैम्पल मेडिकल कालेज स्थित कोविड-19 प्रयोगशालाओं को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस सम्बन्ध में सचिव-चिकित्सा स्वास्थ्य वी. हेकाली झिमोमी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि कोविड-19 पीड़ित रोगियों और हाई रिस्क जनसंख्या को चिन्हित कर समय से जाँच एवं उपचार करने से इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है।

कहां-कहां किन-किन जिलों के सैंपल की होगी जांच

पत्र के मुताबिक वाराणसी सहित अन्य जिले चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, संत रविदास नगर (भदोही), सोनभद्र, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशाम्बी और फतेहपुर  के सैम्पल की जाँच आई.एम.एस. बीएचयू वाराणसी में होगी। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, बागपत, अमरोहा और बिजनौर जिले के सैम्पल एलएलआरएम मेडिकल कालेज, मेरठ को भेजने को कहा गया है।  अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, मथुरा, जेबी नगर, बदायूं, संभल, मुरादाबाद और रामपुर को जेएन मेडिकल कालेज एएमयू अलीगढ़ सैम्पल भेजने हैं। पीलीभीत, बरेली, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखनऊ, हरदोई, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और उन्नाव के सैम्पल की जाँच किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में होगी। चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, कानपुर नगर, औरैया, रायबरेली, प्रतापगढ़ और कानपुर देहात के सैम्पल की जाँच एसजी पीजीआई लखनऊ में होगी। इसी प्रकार बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर और अयोध्या के सैम्पल की जाँच आई.सी.एम.आर.-आर.एम.आर. सी. गोरखपुर बी.आर.डी. मेडिकल कालेज गोरखपुर में होगी। इसके अलावा फिरोजाबाद, मैनपुरी, जालौन, ललितपुर, महोबा, झाँसी, आगरा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और इटावा जिलों के सैम्पल की जाँच यू.पी. आर. आई.एम.एस. सैफई इटावा में होगी। इन मेडिकल कालेजों में सैम्पल कलेक्शन समय 24 घंटे तय किया गया है।

पत्रानुसार बताया गया कि प्रतिदिन हर एक जिले में कम से कम चार सैम्पल (अधिकतम सैम्पल संख्या आवश्यकतानुसार) नियमानुसार ट्रिपल लेयर पैकिंग में सम्बंधित प्रयोगशाला भेजना है। इसके साथ ही इसकी सूचना स्वास्थ्य भवन लखनऊ हर रोज शाम छह बजे तक भेजनी होगी।

हाई रिस्क श्रेणी में कौन लोग माने जाएंगे

  • अंतरराष्ट्रीय यात्रा के 28 दिनों के अन्दर कोविड-19 के लक्षणों वाले व्यक्ति
  • कोविड-19 रोगी के संपर्क में आने वाले लोग, जिनमें लक्षण दिखने लगे हों
  • कोविड-19 रोगी के साथ एक ही घर में रहने वाले परिवार के या अन्य लोग
  • बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ वाले सरकारी-निजी हास्पिटल में भर्ती रोगी
  • 28 दिनों के भीतर तबलीगी जमात में भाग लेकर लौटनेवाले समस्त व्यक्ति
  • कोविड-19 रोगियों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कर्मी, जिनमें लक्षण दिखें
  • वे स्वास्थ्य कर्मी, जिन्होंने पर्याप्त सुरक्षा के बिना कोविड-19 की जाँच की हो

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