कोलकाता। ममता बनर्जी ने अमित शाह पर 5 गंभीर आरोप लगाये हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता में बैठ कर साजिश रचने में जुटे हैं। व्हीलचेयर पर बैठकर ममता ने आज बांकुड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी के बजाय अमित शाह को निशाने पर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह दिल्ली चलाने के बजाय कोलकाता में बैठकर किस-किस को मारना है, उसकी साजिश रच रहे हैं। दूसरा वह जान-बूझकर चुनाव के पहले तृणमूल के लोगों के खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। तीसरा- नंदीग्राम किसान आंदोलन से जुड़े लोगों को परेशान करने के लिए उनके खिलाफ वारंट निकालने की योजना बना रहे हैं। चौथा- चुनाव के पहले सभी सरकारी अफसरों को अमित शाह जान-बूझकर परेशान कर रहे हैं। यहां तक कि होम सिक्योरिटी को भी नोटिस भेज रहे हैं। पांचवां और सबसे मजेदार आरोप ममता ने यह लगाया कि कि चुनाव आयोग ने अमित शाह के कहने पर ही नंदीग्राम में उन पर हुए हमले पर संज्ञान लेते हुए पूर्व मेदिनीपुर के डीएम और एसपी को हटा दिया।
ममता ने कहा- यहां तक कि सीएम सिक्योरिटी डायरेक्टरेट के मुखिया विवेक सहाय को भी पद से हटा दिया गया। दरअसल नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुए कथित हमले के बाद से ही तृणमूल के नेता दिल्ली और कोलकाता के चुनाव आयोग के दफ्तरों में जाकर घटना की जल्द से जल्द जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे। पूरे राज्य में जगह-जगह धरना, रेल रोकने का अभियान चलाते रहे। चुनाव आयोग ने इस पर कठोर कदम उठाते हुए विवेक सहाय को हटाया और हाल में नियुक्त अफसरों को यह आदेश दे दिया कि ममता बनर्जी जनरल कैटेगरी की सुरक्षा पाती हैं, उसमें थोड़ी भी चूक नहीं होनी चाहिए।
इस आदेश के बाद ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के लोगों को इस पर आपत्ति है, क्योंकि ममता बनर्जी अपने पुराने अंदाज मैं चुनाव प्रचार कर नहीं पा रही हैं। ममता बनर्जी अक्सर गाड़ी के सामने बैठती थीं। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी को अभी पीछे बैठने को कहा जा रहा है। ममता पहले अचानक लोगों के बीच चली जाती थीं, लेकिन अभी उन्हें यह सब करने से मना किया जा रहा है। इसके अलावा ममता बनर्जी की हर सभा का इंच इंच का विवरण सुरक्षाकर्मियों को देने का आदेश दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों को कड़ी चेतावनी दी गई है कि इस एक-एक पल के विवरण के अलावा ममता बनर्जी को और किसी भी अन्य कार्यक्रम में शामिल न होने दिया जाए। नंदीग्राम में हुई घटना के दिन इसका पालन नहीं किया गया था।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी और उनके पार्टी के लोगों को लगा था कि घटना के बाद सहानुभूति की लहर चलेगी चुनावी मोड बदल जाएगा। लेकिन चुनाव आयोग ने ममता की मंशा पर पानी फेर दिया। जानकारों का कहना है कि बंगाल में विवेक सहाय जैसे अच्छे और निपुण अफसर को चुनाव आयोग से हटा कर एक संदेश दिया गया है कि गलती करने पर किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। ममता बनर्जी के लिए एक अच्छी खबर नहीं है।
दूसरी और ममता बनर्जी का यह भी आरोप है कि नंदीग्राम किसान आंदोलन के समय आंदोलनकारियों के खिलाफ रास्ता काट कर पुलिस को रोके जाने जैसे कई मामलों में एफआईआर दर्ज हैं। ममता बनर्जी की सरकार ने एफआईआर को खत्म करने के बजाय दबाये रखा। आंदोलन से जुड़े लोगों ने उस समय अग्रिम जमानत तक नहीं ली थी। अब उसी को आधार बना कर ममता बनर्जी के कई सारे नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकलने की संभावना है। इनमें से कई नेता इस बार ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट भी हैं। इससे ममता बनर्जी को परेशानी हो सकती है।