ममता बनर्जी पर हमला हुआ या महज हादसा था, उठ रहे सवाल

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ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हमला हुआ या महज हादसा था, इस पर सवाल उठने लगे हैं। ममता ने कल जैसा आरोप लगाया, आज वैसा रुख नहीं था।
ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हमला हुआ या महज हादसा था, इस पर सवाल उठने लगे हैं। ममता ने कल जैसा आरोप लगाया, आज वैसा रुख नहीं था।
  • डी. कृष्ण राव

कोलकाता। ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में हमला हुआ या महज हादसा था, इस पर सवाल उठने लगे हैं। ममता ने कल जैसा आरोप लगाया, आज वैसा रुख नहीं था। ममता बनर्जी ने कल घटना को भाजपा का षड्यंत्र बताते हुए कहा था कि  चार-पांच युवकों ने भीड़ में घुस कर जोर से धक्का मारा, जिससे यह दुर्घटना हुई। आज दोपहर  एसएसकेएम  अस्पताल के बेड से  बनाये गये एक वीडियो रिकॉर्डिंग में उन्होंने कहा कि जब वह बिरोलिया बाजार में पहुंचीं तो उनके पैर में गाड़ी से चोट आ गयी। उन्होंने वीडियो में लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है। हालांकि हमला संबंधी उनके आरोपों पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। चोट के बाद ममता एसएसकेएम के ‘ट्रॉमा’ सेंटर में भर्ती हैं। उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ाया गया है। डाक्टरों की 9 सदस्यीय टीम गठित की गयी है। 48 घंटे वह पर्यवेक्षण में रहेंगी।

एसएसकेएम में भर्ती ममता बनर्जी
एसएसकेएम में भर्ती ममता बनर्जी

ममता पर हमले की खबर फैलते ही प्रदर्शन, रेल-रोड जाम

ममता बनर्जी पर हमले की खबर फैलते ही आज नंदीग्राम, कालना, पुरुलिया सहित राज्य के कई हिस्सों में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने प्रदर्शन किया। नंदीग्राम में तृणमूस समर्थकों ने नारे लगाये- धुलाई होगी, पिटाई होगी। सड़कों पर टायर जला कर विरोध जताया गया। सियालदह रूट के कदंबगाछी स्टेशन पर ट्रेन रोकी गयी। यात्रियों को काफी परेशान हुई। उधर नंदीग्राम में घटना स्थल पर DM और SP ने पहुंचकर मामले की जांच की। चुनाव आयोग ने कल शाम 5 बजे तक इस बारे में रिपोर्ट मांगी है।

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डीएम-एसपी ने शुरू की जांच, हमले की पुष्टि नहीं 

आज सुबह  पूर्व मेदिनीपुर के डीएम और एसपी ने नंदीग्राम में घटनास्थल पर पहुंचकर  जांच की कार्रवाई शुरू की। पहले आसपास के दुकानदारों से पूछताछ की गयी। खासकर जिस मिठाई दुकान के सामने  यह घटना घटी और  जिनकी दुकान से  बर्फ ले जाकर  उनके पैर में लगाया गया था, उनसे पूछताछ की गयी। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर दो तरह की  राय देखी गयी। इसमें कहीं से भी यह साबित नहीं होती  कि ममता बनर्जी पर कोई हमला हुआ था। आज सुबह जितनी सारी मेडिकल जांच करायी गयी, उसमें केवल सोडियम की कमी  पाया गया है।

स्थानीय मिठाई दुकानदार रंजीत माइती का कहना है कि  जब ममता बनर्जी पर्चा भरने के बाद अहमदाबाद रोड होकर  बिरोलिया की ओर जा रही थीं तो गाड़ी का  दरवाजा खोल कर खड़े होकर  सभी का अभिवादन कर रही थीं। अचानक बीच में एक खंभा आया, जो गाड़ी के खुले दरवाजे से टकराया। स्थानीय कुछ लोगों ने यह भी कहा कि संकरी जगह थी और हर कोई ममता बनर्जी को पास से देखने और फोटो खींचने की  कोशिश कर रहा था। इसी क्रम में दरवाजा दब गया और  दुर्घटना हुई।

गवर्नर व बीजेपी नेताओं के लिए लगाये गो बैक के नारे

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि घटना को लेकर  तृणमूल कांग्रेस की ओर से  भाजपा पर आरोप लगा कर चुनावी माहौल को  गर्म करने की कोशिश की जा रही है। राज्य भर में लगभग 10 जगहों पर  कल रात से आज सुबह तक  सड़क जाम की गयी। कल रात राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और आज सुबह  भाजपा नेता तथागत राय, शमिक लाहिड़ी ममता बनर्जी से मिलने एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे तो तृणमूल समर्थकों ने गो बैक के नारे लगाये।

तृणमूल व बीजेपी के नेता अलग-अलग चुनाव आयोग पहुंचे

इधर तृणमूल कांग्रेस की एक टीम  पार्थो चटर्जी की अगुआई में  चुनाव आयोग से मिली और  घटना की निंदा की।  घटना कैसे घटी, इस पर संज्ञान लेने के लिए कहा गया। तुरंत बाद भाजपा की ओर से भी एक टीम चुनाव आयोग के  दफ्तर पहुंची और घटना की जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर लोगों के सामने रखने की मांग की। इस घटना से जुड़े सारे वीडियो पब्लिक डोमेन में  रखने की अपील भी की गयी। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने घटना को पूरी तरह नाटक बताते हुए  कहा कि ममता बनर्जी के पास कुछ बचा नहीं है। सेंटीमेंट का अपना पुराना गेम खेलने की कोशिश कर रही हैं।

घटना को लेकर उठ रहे कई सवाल, नहीं मिल रहा जवाब

घटना के बाद  चार वाजिब सवाल उठ रहे हैं। पहला- मुख्यमंत्री की जेड प्लस कैटेगरी सेक्योरिटी के बावजूद लोग उनके सामने कैसे पहुंच गए। दूसरा- ममता बनर्जी किस षड्यंत्र की बात कह रही हैं। अभी तक कोई वीडियो फुटेज सामने क्यों नहीं लाया गया। चुनाव के समय कोई मुख्यमंत्री चलता है तो  मीडिया से लेकर चुनाव आयोग  और आम उत्सुक पब्लिक वीडियो बनाते हैं। तीसरा- तृणमूल के ढेर सारे समर्थक,  पुलिस और ममता बनर्जी के निजी सुरक्षाकर्मी  होने के बावजूद अगर कोई इस तरह की घटना को अंजाम देता है तो इतने लोगों के सामने से  वह कैसे फरार हो सकता है। चौथा- नंदीग्राम में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल होने के बावजूद ममता बनर्जी को क्यों 150 किलोमीटर दूर कोलकाता लौटना पड़ा।

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