- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। मुकुल राय और उनके बेटे शुभांश राय बंगाल में बीजेपी को सबसे पहले झटका दे सकते हैं। प्रणव मुखर्जी के कांग्रेसी पुत्र अभिजीत मुखर्जी भी TMC में जाएंगे। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है, घोषणा कभी हो सकती है। हालांकि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि जिन्हें भी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में जाना हो, खुशी से जायें। बीजेपी ने विधानसबा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर ज्यादा भरोसा किया है। उन्हें स्पष्ट कहा गया है कि अगली बार उन्हीं के नाम पर बीजेपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इसकी तैयारी में वे अभी से जुट जायें।
TMC कोर कमेटी की आज बैठक हो रही है। इसमें वैसे आवेदनों पर विचार किया जाएगा, जो बीजेपी से वापस टीएमसी में आना चाहते हैं। ऐसे लोगों में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य मुकुल राय, विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ कर हारे मुकुल राय के बेटे शुभांश राय के साथ भूत पूर्व राष्ट्रपति के बेटे प्रणव मुखर्जी के बेटे कांग्रेस नेता अभिजीत मुखर्जी को टीएमसी में लाने पर मुहर लगने की प्रबल संभावना है।
बंगाल में बीजेपी की अकल्पनीय हार के बाद पूरे बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले पर काबू पाने और संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए आरएसएस के निर्देश पर बीजेपी आलाकमान ने बंगाल का पूरा दायित्व युवा नेता शुभेंदु अधिकारी को सौंप दिया है। शुभेंदु अधिकारी दो दिन में रह कर भाजपा के कई आला नेताओं से मिले थे। भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, सौमित्र खान और एक अन्य सांसद को भी दिल्ली तलब किया गया था।
2 मई को बंगाल विधानसभा चुनाव का रिजल्ट निकलने के बाद से अभी तक भाजपा का आरोप है कि उसके 27 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। कई लाख कार्यकर्ता अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं। इसका सीधा-सीधा असर भाजपा के संगठन पर पड़ रहा है। चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं में मुकुल राय, उनके पुत्र शुभ्रांशु, राजीव बंदोपाध्याय, पूर्व फुटबॉलर दीपेंद्र विश्वास, सोनाली गुहा जैसे कद्दावर नेताओं की टीएमसी में वापसी लगभग तय है। इसे देखते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश पर युवा नेता शुभेंदु अधिकारी को हाल ही में दिल्ली बुलाकर गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री ने कई बार बैठक की।
बाद में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल का पूरा भार शुभेंदु के हाथ में सौंप दिया। शुभेंदु के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बैठक के पहले शुभेंदु अधिकारी की सलाह पर बंगाल से तीन सांसदों- उत्तर बंगाल के निचित अधिकारी, लाल मिट्टी वाले बंगाल के सौमित्र खान और गैर बंगालियों के चेहरा अर्जुन सिंह को दिल्ली बुलाया गया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुभेंदु को बंगाल में अपने हिसाब से काम करने की खुली छूट मिली है। उन्हें यह टास्क मिला है कि बंगाल की हर सूचना सीधे-सीधे जेपी नड्डा और मोहन भागवत से शेयर करेंगे। बंगाल के कार्यकर्ताओं का मनोबल फिर से बहाल करने के लिए नेताओं को सड़क में उतर कर आंदोलन करने की सलाह दी गई है। 23 जून को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बरसी है। पुण्यतिथि बंगाल के हर मंडल में धूमधाम से मनाने को कहा गया है। इसके लिए पार्टी ने भरपूर राशि मंजूर की है।
सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही शुभेंदु अधिकारी को संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है, जिसके लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उन्हें पूरी सहायता दी जाएगी। शुभेंदु को आरएसएस की प्लानिंग के तहत चलने की हिदायत भी दी गई। तृणमूल में वापस जा रहे नेताओं को रोकने पर कड़ी मनाही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि राज्य बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष को भी साफ कहा गया है कि वह पार्टी में सभी से मिलजुल कर काम करें। नैतिक सवाल पर प्रेस के सामने केवल शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष को ही बोलने की छूट दी गई है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से शुभेंदु अधिकारी को यहां तक आश्वासन दिया गया है कि 2024 के पहले तक अगर संगठन को मजबूत बनाने में कामयाब रहे तो 2024 में उन्हीं को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से शुभेंदु को यह काम दिए जाने के बाद उनके सामने सबसे बड़ा चैलेंज है बंगाल भाजपा में चल रही गुटबाजी को पहले बंद करना। दिलीप घोष, मुकुल राय और तथागत राय को साथ लेकर लेकर चलना। दूसरा सबसे बड़ा काम यह सौंपा गया है कि TMC के आक्रमण से घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे लोगों को घर वापस लाने का प्रयास करें। उन पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की कोशिश करें। कई जिलों के अध्यक्षों को बदलें और पिछले चुनाव में भाजपा में रह कर जिन लोगों ने भाजपा के साथ गद्दारी की है, उनको पार्टी से निकालें।
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