बेगूसराय लोकसभा चुनाव 2018 के लिए महागठबंधन कोटे से कन्हैया कुमार को तो एनडीए कोटे से गिरिराज या रजनीश कुमार को टिकट देकर पार्टी चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है। नंदकिशोर सिंह की रिपोर्ट
पटना। बेगूसराय लोकसभा चुनाव होने में अभी कम से कम 7 से 8 महीने का समय बाकी है, लेकिन अभी से ही महागठबंधन और एनडीए के प्रत्याशी को लेकर पार्टी दोनों खेमों में अभी से माथापच्ची शुरू हो गयी है।
एक तरफ NDA में शामिल जदयू अपना दावा बेगूसराय लोकसभा सीट के लिए कर रहा है, जबकि BJP की तो पहले से ही यह जीती हुआ सिटिंग सीट है। इस सीट से वर्तमान में सांसद डॉ भोला सिंह हैं। महागठबंधन से JNU के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का नाम प्रत्याशी के रूप में लगभग तय कर दिया गया है। इस कंडीशन में एनडीए भी अपना मजबूत प्रत्याशी यहां से देना चाहेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी बेगूसराय सीट दूसरे दल के लिए कभी नहीं छोड़ेगी। इस सीट से बीजेपी के ही मजबूत प्रत्याशी को उतारने की बातें पार्टी में चल रही हैं।
इस सीट के लिए बेगूसराय के वर्तमान सांसद डॉ. भोला सिंह से भी यहां से प्रत्याशी देने के पूर्व बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक बार उनसे निश्चित रूप से राय लेंगे। इस सीट के लिए यह पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है कि नवादा के वर्तमान सांसद गिरिराज सिंह या BJP राष्ट्रीय परिषद के सदस्य सह विधान पार्षद रजनीश कुमार, जो बेगूसराय के स्थानीय निवासी हैं, इन दोनों में किसी एक को उम्मीदवार बनाया जाये।
इस सीट पर पार्टी पूरा मंथन कर रही है। NDA बिहार में लोकसभा की 40 सीटों के लिए अपने मजबूत उम्मीदवार को टिकट देकर मैदान में उतारेगी। इसलिए कि उसे हर हाल में अधिक से अधिक सीटों पर जीत एनडीए फोल्डर में दर्ज करना है। जहां तक एनडीए के साथ लोजपा सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान या राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए का दामन छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने की बातें महागठबंधन के लोग लगातार बोल रहे हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा और रामविलास पासवान या नीतीश कुमार NDA का दामन छोड़कर शायद ही महागठबंधन में शामिल होंगे। इसलिए कि एनडीए की पूरे देश में फिलहाल 20 राज्यों में सरकारें हैं और 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद फिर PM नरेंद्र मोदी को ही बनने की पूरी संभावना NDA में जतायी जा रही है। नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने पर केंद्र में रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के फिर केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता हैं। अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात करें तो वह भी एनडीए को छोड़कर फिलहाल कहीं नहीं जाने बाले हैं। क्योंकि इनको लोकसभा चुनाव से कोई खास लेना-देना नहीं है। इनकी CM की कुर्सी कैसे मजबूत रहे, इस पर उनका ध्यान है। जहां तक महागठबंधन की बात है तो इसमें उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार या रामविलास पासवान के लिए सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। हिंदुस्तान आवामी मोर्चा पार्टी (हम ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व CM जीतन राम मांझी ने स्पष्ट कह दिया है कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ही हैं। वही बिहार के अगले मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हैं। अगर कोई भी अन्य दल के लोग महागठबंधन में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। CM की कुर्सी को छोड़ कर इस कंडीशन में कोई भी NDA का सहयोगी महागठबंधन में शामिल होने के पहले सौ बार सोचेगा।
जहां तक एनडीए में सीट शेयरिंग की बात है तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बिहार में सीट शेयरिंग पर फैसला NDA के घटक दलों के सभी सहयोगी दलों के साथ मिल-बैठ कर ही लेंगे। अब यह देखना यह है कि NDA बेगूसराय सीट से किसे टिकट देकर मैदान में 2018 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाकर मैदान उतारता है।
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