वैशाली में डॉ. रघुवंश से मुकाबले के लिए NDA में प्रत्याशी की तलाश

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एनडीए में एक अनार, सौ बीमार, रामा कह रहे- लोजपा से टिकट के दावेदार नहीं

हाजीपुर। नए वर्ष की शुरुआत होते ही लोकतंत्र की जन्मस्थली वैशाली में चुनावी सरगर्मी काफी तेज हो गई है। चर्चा का विषय बनी हुई है वैशाली लोकसभा सीट। वैशाली लोकसभा सीट से एनडीए के प्रत्याशी कौन होंगे, यह अभी तक अनुत्तरित सवाल है और एक अनार, सौ बीमार वाली स्थिति फिलहाल दिख रही है। वैशाली लोकसभा सीट पर लोजपा का कब्जा है। वहां से लोजपा के रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह सांसद हैं।

पिछले दिनों एनडीए में सीटों के बंटवारे पर मुहर लगने के बाद इतना तय हुआ कि लोजपा को 6 सीटें मिलेंगी और हाजीपुर के सांसद  केंद्रीय मंत्री और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान राज्य सभा जाएंगे। पहले तो इस बात पर मंथन चलता रहा और अब तो चर्चा भी तेज है कि वैशाली लोकसभा सीट लोजपा अपने पास नहीं भी रख सकती है। उसके बदले में लोजपा को किसी दूसरी सीट पर जाना पड़ सकता है।

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जानकार मानते हैं कि वैशाली सीट लोजपा के सीटिंग है।  लोजपा वैशाली सीट अपने पास ही रखेगी। इस कारण वैशाली सीट पर वर्तमान सांसद रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह को ही टिकट मिलेगा। हालांकि यह बात छिपी नहीं है कि रामा सिंह की पार्टी में कुछ अनबन है। विगत 4 वर्षों से सांसद रामा सिंह लोजपा के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे थे। चार दिन पूर्व  उन्होंने यह कह कर सनसनी फैला दी कि वे वैशाली सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन लोजपा के टिकट के वे दावेदार नहीं हैं। अब सवाल उठता है कि वे अपना भाग्य किस गाड़ी पर सवारी कर आजमाएंगे?

सांसद रामा सिंह के लोजपा से दावेदारी छोड़ने के संकेत मिलते ही लोजपा के कई पुराने और विश्वसनीय कार्यकर्ता अपने अपनी दावेदारी पूरी मजबूती के साथ करने लगे हैं। कुछ का मानना है कि  वैशाली सीट से  मुकाबला एक बार फिर  राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री  डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह से होना है। डॉ. सिंह से  मुकाबला करने के लिए एक बार फिर अखाड़े में  किसी न किसी राजपूत प्रत्याशी को ही लाना पड़ेगा। इनमें लोजपा के जिलाध्यक्ष ठाकुर इंदु भूषण सिंह उर्फ टुनटुन सिंह बड़े दावेदार के रूप में दिख रहे हैं। टुनटुन सिंह शुरू से ही लोजपा कार्यकर्ता के रूप में जुड़े रहे हैं और लगभग ढाई वर्ष पूर्व उन्हें जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दी गई है।

रामा किशोर सिंह को टिकट न मिलने की स्थिति में वे अपनी दावेदारी रखना चाहेंगे। वहीं राजपूत जाति से दूसरे बड़े दावेदार संजय सिंह हैं। लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान के अति विश्वसनीय माने जाते हैं और हाजीपुर में भवानी कंस्ट्रक्शन के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में सांसद चिराग पासवान ने उनके साथ भूमि पूजन भी किया और फिर संसदीय क्षेत्र जमुई का प्रभारी बनाया। संजय सिंह पहले महुआ विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाना चाहते थे, लेकिन लोजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में महुआ का टिकट न मिलने पर अब वे हाजीपुर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं।

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लोजपा के तीसरे प्रमुख दावेदार अजय कुशवाहा हैं। अजय कुशवाहा को पार्टी ने  स्थानीय निकाय चुनाव में अपना  प्रत्याशी बनाया था। अजय कुशवाहा के समर्थकों का मानना है कि जिस तरह से रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए छोड़ कर महागठबंधन का दामन थामा है, उस परिस्थिति में उन्हीं के गृह जिले के अजय कुशवाहा को टिकट मिलता है तो पार्टी को अधिक फायदा होगा। अजय कुशवाहा वैशाली लोकसभा सीट के बाद खगड़िया लोकसभा सीट पर भी अपनी दावेदारी रखते हैं।

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लोजपा के लिए वैशाली लोकसभा सीट प्रत्याशी के चयन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि वैशाली लोकसभा सीट पर भाजपा और जदयू के भी कई दावेदार हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण सिन्हा लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं और स्वयं को लोकसभा का प्रत्याशी बता कर कार्य करते रहे हैं। उनके समर्थकों का दावा है कि वैशाली लोकसभा क्षेत्र में राजपूत से अधिक भूमिहार जाति के वोटर हैं। वहीं भाजपा कोटे से पूर्व विधायक अच्युतानंद सिंह और राजेश सिंह भी अपनी दावेदारी रखे हुए हैं, जबकि जदयू कोटे से विधान पार्षद दिनेश सिंह अपनी पत्नी के लिए प्रयासरत हैं तो पूर्व विधायक अन्नू शुक्ला ने वैशाली लोकसभा सीट से एक बार फिर भाग्य आजमाने की घोषणा कर रखी है। इस प्रकार वैशाली लोकसभा सीट पर प्रत्याशी का चयन करना लोजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है।

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दूसरी तरफ महागठबंधन से राजद के इकलौते उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में ताल ठोक कर खड़े हैं और उनका नाम है डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह। वैशाली लोकसभा सीट का उन्होंने प्रतिनिधित्व पहले भी किया है। पिछली बार लोजपा प्रत्याशी रामा सिंह से वे पराजित हुए। वैशाली लोकसभा सीट पर भी जातीय समीकरण चुनाव के समय पूरी तरह से प्रभावकारी रहता है। खरमास समाप्त होते ही चुनावी सरगर्मी और तेज होने की संभावना है।

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