बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में नए कोर्स हुए शामिल

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नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
नीतीश कुमार पर उनकी ही सरकार के साझीदार दल बीजेपी का दबाव बढ़ने लगा है कि वे कोटा में फंसे बिह7ार के बच्चों को लाने की पहल करें।
  • पोलिटेकनिक और बी.बी.ए., एम.बी.ए. के कोर्स को भी शामिल किया गया
  • अगस्त के आखिर तक 7333 छात्र-छात्राओं ने इस योजना का लाभ लिया

पटना। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ के लिए विषय का दायरा बढ़ाते हुए पोलिटेकनिक और बी.बी.ए., एम.बी.ए. के कोर्स को भी शामिल किया गया है। इसे मिला कर अब इस योजना के तहत 42 कोर्स हो गए हैं, जिसके छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना के प्रति छात्रों और अभिभावकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष पहल की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें। इस साल इंटरमीडिएट पास करने वाले 6 लाख से अधिक छात्रों को मुख्यमंत्री ने पत्र भेजा था, जिससे इस योजना के प्रति छात्र-छात्राओं की जागरूकता और उत्सुकता काफी तेजी से बढ़ी है। अगस्त के आखिर तक 7333 छात्र-छात्राओं ने इस योजना का लाभ लिया और इसके तहत 203 करोड़ रूपये का लोन सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है।

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इस साल कम से कम 50,000 छात्र-छात्राओं को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इस योजना से लाभ लेने के लिए जाति और आय का बंधन नहीं है। इस वर्ष के अब तक के लाभार्थियों में 5923 छात्र और 1410 छात्राएं शामिल हैं। इसमें सामान्य वर्ग के 2805, पिछड़ा वर्ग के 2919, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 1021, एससी के 507 और एसटी के 83 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। लोन पाने वाले बिहार के प्रथम पांच जिलों में पटना- 564, गया- 350, समस्तीपुर- 344, मुजफ्फरपुर- 335 और सीवान- 324 छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

इस योजना का लक्ष्य आवश्यकतानुसार लचीला है, ताकि जितने विद्यार्थी इस योजना के लाभ के लिए इच्छुक होंगे, उतने विद्यार्थियों को इसका लाभ दिया जायेगा। इस वित्तीय वर्ष 2018-19 में 50,000, वित्तीय वर्ष 2019-20 में 75,000 और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,00,000 अनुमानित विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ उपलब्ध कराने का प्रारंभिक अनुमान है।

बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता के तहत बिहार राज्य के निवासी वैसे विद्यार्थी, जिन्होंने बिहार राज्य एवं सीमावर्ती राज्यों से 12वीं कक्षा उतीर्ण की हो तथा उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए इच्छुक हों, उन्हें बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए अनिवार्य है कि विद्यार्थी द्वारा बिहार एवं अन्य राज्य या केंद्र सरकार के संबंधित नियामक एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा हेतु नामांकन लिया गया हो या नामांकन के लिए चयनित हो। यह ऋण उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रमों, विभिन्न, व्यावसायिक एवं तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए दिया जा सकेगा।

आवेदक विद्यार्थियों के हॉस्टल में रहने की स्थिति में आवेदक के शैक्षणिक संस्थान को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। शिक्षण संस्थान के हॉस्टल में नहीं रहने की स्थिति में विद्यार्थियों के लिए फ़ीस के अतिरिक्त अन्य रहने के खर्च के लिए वर्गीकृत शहरों के लिए निर्धारित की गयी राशि उपलब्ध कराई जाएगी। महंगाई के आधार पर रहने एवं जीवन यापन के दर में आवश्यकतानुसार शिक्षा विभाग द्वारा वृद्धि की जा सकेगी।

विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि लाभार्थियों के द्वारा पढाई को किसी भी कारण से बीच में छोड़ने पर ऋण की शेष राशि संस्थान या विद्यार्थी को उपलब्ध नहीं करायी जाएगी। अर्थात इस योजना के तहत विद्यार्थी को शिक्षा ऋण की अगली किश्त उनके संबंधित संस्थान/पाठ्यक्रम में अध्ययनरत रहने की स्थिति में ही उपलब्ध करायी जाएगी।

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इस योजना के अंतर्गत शिक्षा ऋण अधिकतम चार लाख रुपये तक स्वीकृत की जाएगी। इस ऋण राशि पर मोरेटोरियम अवधि, जो कि पाठ्यक्रम समाप्ति से एक वर्ष तक अथवा आवेदक के नियोजित होने के अधिकतम 6 माह (जो सबसे पहले हो) तक ब्याज की राशि देय नहीं होगी। इस ऋण राशि पर सरल ब्याज की दर 4 प्रतिशत होगी। इसके अंतर्गत महिला, दिव्यांग एवं ट्रांसजेंडर आवेदकों को मात्र 1 प्रतिशत सरल ब्याज की दर से ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

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ऋण वापसी की प्रक्रिया के अंतर्गत मोरेटोरियम अवधि की समाप्ति के पश्चात 2 लाख रूपये तक के ऋण को अधिकतम 60 मासिक किश्तों में तथा 2 लाख से ऊपर के ऋण को अधिकतम 84 मासिक किश्तों में वापस किया जा सकेगा। उपरोक्त निर्धारित अवधि से पूर्व ऋण वापसी की स्थिति में 0.25 प्रतिशत ब्याज दर की छूट दी जाएगी। उपरोक्त निर्धारित अवधि में नियोजन नहीं होने या स्वरोजगार एवं अन्य साधनों से आय नहीं होने की स्थिति में ऋण वसूली स्थगित रखी जाएगी, किन्तु इसके लिए प्रत्येक जून एवं दिसम्बर के अंतिम पखवाड़े में आवेदक को इस आशय का शपथ पत्र DRCC पर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा कि आवेदक नियोजित /स्वरोजगार अथवा अन्य किसी साधनों से आय प्राप्त नहीं कर रहा है।

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