मुख्यमंत्री ने किया बहुद्देशीय प्रकाश केन्द्र एवं उद्यान योजना का कार्यारंभ
पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने श्री गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज की 350वीं जयंती के अवसर पर कहा कि प्रेम, सद्भाव, आपसी एकता का भाव बना रहा तो बिहार बहुत आगे जाएगा। वे गुरु का बाग, बाजार समिति परिसर, पटना साहिब में बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान योजना का रिमोट के माध्यम से कार्यारम्भ के अवसर पर बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के उच्चारण से अपने सम्बोधन की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि इस बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान योजना के काम में लगे भवन निर्माण विभाग एवं पर्यटन विभाग को मैं बधाई देता हूँ, जिनके प्रयास से इसका न सिर्फ शिलान्यास हुआ, बल्कि आज कार्य भी प्रारम्भ हो गया। 350वां प्रकाश पर्व जब मनाया जा रहा था, तब 5 जनवरी 2017 को एक विशेष समागम का आयोजन किया गया था, जिसमें बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान योजना के निर्माण के संबंध में जानकारी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से 350वां प्रकाश पर्व एवं उसके पश्चात हुए शुकराना समारोह में आप सभी की भूमिका रही, उसके लिए मैं आप सबका अभिनंदन करता हूँ। प्रकाश पर्व में पूरे देश और देश के बाहर से आये सिख श्रद्धालुओं के प्रति जो लोगों की सेवा भावना देखी गयी, वह काफी प्रशंसनीय एवं खुशी की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 350वां प्रकाश पर्व का आयोजन बिहार के लिए गौरव का विषय है और यह हमारा धर्म था कि इसका आयोजन ठीक ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास सिर्फ किसी भू-भाग मात्र का इतिहास नहीं है, बल्कि यह पूरे देश, पूरी मानव जाति और सभ्यता का इतिहास है। यह एक अद्भुत जगह है, यह ज्ञान की भूमि है, यह भू-भाग शासन का केंद्र रहा है। कई धर्म-गुरुओं की उत्पति इसी बिहार में हुई है। उन्होंने कहा कि दशमेश पिता सर्वंशदानी गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज की यह जन्मभूमि है, यह कोई मामूली बात नहीं है। दुनिया भर में रहने वाले सिख समाज के लोग पटना साहिब का स्मरण करते हैं, यह हमारे लिए खुशी की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु की कृपा और आशीर्वाद का ही नतीजा है कि हम सभी लोगों को 350वां प्रकाश पर्व और शुकराना समारोह का आयोजन करने का अवसर मिला। प्रकाश पर्व के आयोजन से समाज में प्रेम, सद्भाव, भाईचारा, आपसी एकता का माहौल पैदा हुआ। पूरे बिहार में प्रकाश उत्सव का माहौल रहा, जिसमें सभी लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व के मौके पर एक-एक लंगर में लाखों लोग शामिल हुए। गाँधी मैदान में विशेष आयोजन किया गया था। ऐसा लग रहा था कि मानो हर आदमी के अंदर गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज बसे हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के बारे में क्या कहा जाए, सर्वंशदानी, संत सिपाही, महान योद्धा, सफल नेतृत्वकर्ता, सामाजिक-राजनैतिक-आध्यात्मिक चिंतक, न जाने कितने भाषाओं के विद्वान, श्रेष्ठ साहित्यकार, दया, क्षमा, प्रेम, विनम्रता, परोपकार आदि सदगुणों से सम्पन्न एक आदर्श व्यक्तित्व थे। यह कोई मामूली बात नहीं है कि मात्र 42 वर्ष की उम्र तक ही उन्होंने सब कुछ करके दिखा दिया। जब तक यह धरती रहेगी, लोग उन्हें याद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जो बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र बनने जा रहा है, इसका नामकरण प्रकाश पुंज होना चाहिए। यहाँ चार द्वार बनेंगे, जिसका नाम होगा बाबा अजीत सिंह द्वार, बाबा फतेह सिंह द्वार, बाबा जुझार सिंह द्वार और बाबा जोरावर सिंह द्वार। इसके अतिरिक्त यहाँ पाँच तख्त होंगे। तख्त श्री पौता साहिब, तख्त श्री नांदेड़ साहिब, तख्त श्री केशगढ़ साहिब, तख्त श्री हेमकुंड साहिब और इसका तलहट होगा तख्त श्री पटना साहिब। उन्होंने कहा कि यह जो पूरा स्ट्रक्चर बनेगा, वह चारों तरफ से खुला रहेगा। यह एक ऐसा केंद्र बनेगा कि प्रकाश पुंज का निरीक्षण करने वालों को सिख धर्म और गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि इसका नाम प्रकाश पुंज रखने के पीछे मकसद है कि यह ज्ञान की भूमि है। उन्होंने कहा कि 54.16 करोड़ रूपये की लागत से 18 माह के अंदर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मैं इसके लिए पर्यटन विभाग और भवन निर्माण विभाग को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि 14 महीने बाद 2020 में होने वाले प्रकाश पर्व के पूर्व इसका काम पूर्ण कर लिया जाए, ताकि उस समय इसका उद्घाटन किया जा सके। पटना साहिब एक ऐतिहासिक स्थल है, जो गुरु के बाग के बगल में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार देश का सभ्यता द्वार है। यहाँ अनेक काम किये गये हैं। बिहार संग्रहालय, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र परिसर में ज्ञान भवन, बापू सभागार एवं सभ्यता द्वार के अलावे अन्य कई भवन भी बनाये गये हैं। बोधगया में बहुत बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने जा रहे हैं। वैशाली में भगवान बुद्ध का अस्थि कलश मिला है, वहां भी बहुत बड़ा केंद्र बनेगा। इस प्रकार पूरे बिहार में जो भी ऐतिहासिक स्थल हैं, उसे विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर एक ही बात कहनी है कि जिस तरह से पटना साहिब में देश-दुनिया से सिख श्रद्धालु प्रकाश पर्व में एकत्रित हुए और आप सभी ने प्रेम, भाईचारा, सद्भाव, आपसी एकता के साथ उनकी सेवा की, उस भाव को मन में सदैव बनाये रखियेगा।
जीवनपर्यन्त अगर मन में इसी प्रकार प्रेम, सद्भाव, आपसी एकता का भाव रहा तो बिहार बहुत आगे जाएगा और हम बिहार के उस वैभवशाली और गौरवशाली अतीत को प्राप्त करने में कामयाब होंगे। यही दशमेश पिता गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधान सचिव भवन निर्माण श्री चंचल कुमार ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन पुस्तक भेंटकर किया। मुख्य ग्रंथी एवं तख्त हरमंदिर साहिब के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने मुख्यमंत्री को सिरोपा भेंटकर अभिनंदन किया। इस अवसर पर बहुद्देशीय योजना केंद्र एवं उद्यान योजना से संबंधित एनिमेशन फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की गयी। भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट की। समारोह को पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी और भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एवं बिहार राज्य योजना पर्षद के उपाध्यक्ष श्री जी0एस0 कंग, मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, प्रधान सचिव पर्यटन एवं कला संस्कृति श्री रवि परमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना डी0आई0जी0 श्री राजेश कुमार, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मनु महाराज सहित, पर्यटन विभाग एवं भवन निर्माण विभाग से जुड़े पदाधिकारी, अन्य गणमान्य लोग, सिख श्रद्धालु एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
पूर्व विधायक रामरूप प्रसाद राय के निधन पर शोक जतायाः मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर के पूर्व विधायक रामरूप प्रसाद राय के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
यह भी पढ़ेंः बुनकरों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराती रहेगी बिहार सरकार