शराबबंदी में जो गड़बड़ी करे उसे सेवा मुक्त कर जेल भेजिएः नीतीश

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नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अफसरों को निर्देश

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि एक-एक चीज पर पैनी नजर रखें और यदि कोई उच्च अधिकारी भी इस मामले में गड़बड़ी करे तो उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे सेवा से मुक्त करने के साथ ही जेल भेजिए। उन्होंने कहा कि शराब का अवैध धंधा करने वाला शान से नहीं, बल्कि सिर झुकाकर चलेगा और लोग उस पर थू-थू करेंगे। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पूरे देश में ऐसी स्थिति आ गयी है कि हर ओर शराबबंदी की मांग तेजी से मुखर होने लगी है। तमिलनाडु में शराब से 18 से 20 हजार करोड़ रुपये की आमदनी होती है।  बावजूद  इसके जब करुणानिधि  जीवित थे, तब  वे कहते थे  कि अगर बिहार में नीतीश कुमार शराबबंदी लागू कर सकते हैं तो फिर तमिलनाडु में हम क्यों नहीं कर सकते? केरल में ईसाई समुदाय के लोगों ने हमें बुलाया और हमने उन्हें बताया कि शराबबंदी से बिहार आने वाले टूरिस्टों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। शराबबंदी के बाद भी 3 करोड़ से अधिक टूरिस्ट बिहार आये और 10 लाख से ज्यादा पर्यटकों का बिहार आगमन हुआ। उन्होंने कहा कि पहले वर्ष 1000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था, लेकिन उसके बाद कोई चिंता ही नहीं रही। अर्थव्यवस्था का आकलन सिर्फ  सरकार के खजाने से नहीं, बल्कि  लोगों  की आर्थिक स्थिति से भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि डायरेक्टिव प्रिंसिपल और सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह साफ कर देता है कि शराब का सेवन कोई मौलिक अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 नवम्बर 2015 को ही मद्य निषेध दिवस के दिन हमने 1 अप्रैल 2016 से बिहार में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद निरंतर सामाजिक अभियान चलाया गया, विभाग का नाम बदलकर मद्य निषेध किया गया, पाॅलिसी में परिवर्तन किया गया। मानव श्रृंखला बनी, जिसमें 4 करोड़ ने हिस्सा लिया।

इस कार्यक्रम में सभी पंचायतों के मुखिया को भेजे गए संदेश का अनावरण मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से किया। मोबाइल पर जनता के नाम भेजे गये अपने ऑडियो संदेश का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने मोबाइल का बटन दबाकर किया। पूर्ण शराबबंदी को स्थायी रूप से प्रभावी बनाने की दिशा में चलाए जा रहे निरंतर अभियान एवं की जा रही कार्रवाइयों में लगे लोगों तथा मद्य निषेध कोषांग के पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। अधिवेशन भवन में आयोजित नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम का वेबकास्टिंग के माध्यम से बिहार के सभी 38 जिलों में लाइव प्रसारण किया गया। इसके पूर्व अधिवेशन भवन प्रांगण में शराबबंदी से संबंधित बने सैंड स्कल्पचर एवं लगी प्रदर्शनी का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नशा मुक्ति दिवस है और 2011 से ही हमलोगों ने 26 नवंबर के दिन बिहार में इसे मद्य निषेध दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमलोग चाहते थे कि लोग शराब का सेवन कम करें, इसके लिए निरंतर सामाजिक अभियान चलाया गया, साथ ही शराबमुक्त समाज बनाने की दिशा में लगे लोगों को हमलोगों ने पुरस्कृत करने का भी काम किया। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई 2015 को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में महिलाओं ने एक कार्यक्रम के दौरान बिहार में शराबबंदी लागू करने की मांग की और हम लोगों ने 2015 के अंत में ही इस दिशा में काम प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने कहा कि उसी वर्ष 26 नवम्बर 2015 को ही मद्य निषेध दिवस के दिन हमने 1 अप्रैल 2016 से बिहार में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद निरंतर सामाजिक अभियान चलाया गया, विभाग का नाम बदलकर मद्य निषेध किया गया, पाॅलिसी में परिवर्तन किया गया, शराब नहीं पीने और दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प दिलाया गया, नारे लिखे गये और जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गये। एक करोड़ से ज्यादा बच्चों के अभिभावकों ने शराब नहीं पीने एवं दूसरों को शराब नहीं पीने के लिये प्रेरित करने का भी संकल्प लिया। 1 अप्रैल 2016 से बिहार में देशी शराब पर पाबंदी लगाई गयी। लोगों पर इसका असर इतना व्यापक हुआ कि 4 दिन के अंदर ही पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की घोषणा करनी पड़ी। 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई, इसके बाद शराबबंदी से नशा मुक्ति के पक्ष में 21 जनवरी 2017 को मानव श्रृंखला बनायी गयी, जिसमें 4 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया, जो बिहार की आबादी के एक-तिहाई हैं। यह मानव श्रृंखला दुनिया के लिए नया रिकॉर्ड बना।

इसके बाद इसी साल 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निष्चय योजना पर काम हो रहा है और नषा मुक्ति, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह हमारे दृढ़ निष्चय का हिस्सा है। हमारी अपील है कि इस अभियान को कभी भी कुंद नहीं होने दें।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ सरकारी तंत्र और कानून के भरोसे हमें पूर्ण कामयाबी नहीं मिलेगी, बल्कि इसके लिए निरंतर सामाजिक अभियान चलाकर लोगों को सजग, सक्रिय और सतर्क करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद भी चोरी-छिपे चंद धंधेबाज और विकृत मानसिकता के लोग छोटे बच्चों का उपयोग कर शराब की आपूर्ति करने में लगे हैं, जिन पर कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि उड़ीसा से आये सैंड आर्टिस्ट श्री मानस कुमार साहु अपनी कला के माध्यम से लोगों को जागृत करने में लगे हैं, यह काफी सराहनीय है।

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