अल्पसंख्यकों के अधिकारों की हदबंदी नहीं की जानी चाहिए: चैधरी

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एफमी के सम्मेलन में बोले बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी                       

पटना बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के अधिकार की हदबंदी नहीं की जानी चाहिए। उन्हें भी स्वतंत्र रूप से विकास का अधिकार है। बिहार सरकार अल्पसंख्यकों की शिक्षा और उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है। साइकिल और पोशाक योजनाओं की विदेशों तक में सराहना की गयी है। अल्पसंख्यकों के तालीम हासिल करने से भारत और सबल बनेगा। ये बातें उन्होंने रविवार को एफमी के 27वें सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन के समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि तालीम का मतलब स्वयं का विकास नहीं होता, बल्कि समाज और देश के प्रति भी जिम्मेवारी होती है। एफमी और फ्लेम के कामों की प्रशंसा करते हुए श्री चैधरी ने कहा कि जैसे आज के मुस्लिम छात्र-छात्राओं की तालीम के लिए एफमी और फ्लेम काम कर रहा है, उसी तरह इन छात्र-छात्राओं की भी आनेवाली पीढ़ी के लिए जिम्मेवारी बनती है। एफमी और फ्लेम का काम नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी साबित होगा।

दिल्ली से आए प्रो. अपूर्वानन्द झा ने कहा कि तालीम प्राप्त करने का मतलब है कि आपकी सोच बड़ी होनी चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य मानवता की सेवा भी है। एक इंसान दूसरे के कष्ट की आवाज सुनकर उसके पास दौड़ जाए। अमेरिका और कनाडा में रह कर भी एफमी के लोग अपने देश के बच्चों की सेवा की खातिर हर साल यहां आते हैं। इसका मतलब है कि वे सबसे बड़े राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने यमन, फलस्तीन का उदाहरण देते हुए कहा कि आज विश्व में अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफी की जा रही है।

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इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के अफजल वाणी ने एफमी के सम्मेलन में आये बच्चे-बच्चियों से कहा कि दुनिया में चुनौती का सामना करने के लिए आप अपनी तालीम मेहनत और दिमाग लगा कर पूरी कीजिए। आप यह सोचें कि हमें कुछ करना है, तो इसके लिए कड़ी मेहनत कीजिए। भारतीय लोकतंत्र पर विश्वास रखिए और अपने प्रयास को बनाएं रखें। आपके जीवन में आपकी भूमिका आदर्श होनी चाहिए।

फ्लेम के अध्यक्ष डा. ए.ए. हई ने अपने स्वागत भाषण में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चैधरी से सासाराम स्थित शेरशाह सुरी के मकबरे के जीर्णोद्धार कराने तथा एक अल्संख्यक टेक्निकल विश्वविद्यालय की स्थापना कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार की साक्षरता की दर अवश्य बढ़ी है, लेकिन यह काम तब तक चलता रहेगा, जब तक सारे लोग साक्षर न हो जाएं।

फ्लेम के उपाध्यक्ष सफी मसहदी ने कहा कि ठीक है कि बिहार के मुसलमानों में साक्षरता की दर बढ़ी है, पर इसे अभी निरंतर जारी रखना है। उन्होंने कहा कि तालीम के नारों को हमें दूर-दूर तक ले जाना है और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करते रहेंगे।

एफमी के होनेवाले आगामी अध्यक्ष सिराजुद्दीन ठाकुर ने कहा कि हम मुस्लिम छात्र-छात्राओं के ड्राप आउट पर काम करेंगे और पूर्ववर्ती अध्यक्ष मो. कुतुबद्दीन द्वारा किये जा रहे कामों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि न सफलता स्थायी है, न असफलता स्थायी है, प्रयास जारी रखना चाहिए। मेहनत इतिहास बदलती है। यदि आप ठान लेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं है।

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इस मौके पर किशनगंज के शिक्षाविद् स्वर्गीय डा. सैयद हसन को लाइफ टाइम एचीवमेंट से सम्मानित किया गया। पुरस्कार उनके परिजन ने प्राप्त किये। सोशल मीडिया एन इंपार्टेंट लर्निंग टूल फार वैल्यू बेस्ड एडुकेशन और ए बेस्ट आफ टाइम विषयक सेमिनार में आस्ट्रेलिया के सिडनी से आये एडवोकेट सिद्दिक पनवाला, नयी दिल्ली की श्रीमती पूर्वा भारद्वाज तथा दिल्ली के अनूप शर्मा ने हिस्सा लिया। इस सेमिनार की माडरेटर थीं डा. रजिया अहमद। धन्यवाद ज्ञापन अली भाई कुरैशी और डा. मो. अकबर ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर डा. असलम अब्दुल्लाह, एफमी के फाउंडर ट्रस्टी डा. ए.एस. नाकादार, एफमी के अध्यक्ष मो. कुतुबद्दीन, आयोजन समिति के सचिव खुर्शीद अहमद के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

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