पटना। नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर भाजपा ने इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए वरदान करार दिया है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि नोटबंदी के साहसिक फैसले से 17.42 लाख संदिग्ध बैंक खातों का पता चला, आयकर वसूली में 20 फीसद की वृद्धि हुई और आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 3.8 करोड़ से बढ़कर 6.86 करोड़ हो गई। राजस्व संसाधन में वृद्धि होने से फसलों का समर्थन मूल्य 50 फीसद बढ़ाने और 13 करोड़ युवाओं को मुद्रा लोन देने के साथ ही 8 करोड़ गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन, 10 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा और हर गांव में बिजली पहुंचाने जैसी योजनाएं लागू की जा सकीं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का विरोध करने वालों को गरीब और गावों का विकास दिखाई नहीं देता।
उन्होंने कहा कि रेलवे के होटल के बदले जमीन और कोल ब्लाक आवंटन जैसे लाखों करोड़ रुपये के घोटालों से जो कालाधन जमा हुआ, उस पर नोटबंदी ने सबसे बड़ी चोट की, इसलिए राजद, कांग्रेस जैसी पार्टियां नोटबंदी का विरोध करने पर उतारू हो गईं। नोटबंदी ने नक्सलियों से लेकर कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों तक की कमर तोड़ दी। इन ताकतों से हमदर्दी रखने वाली पार्टियां नोटबंदी पर देश को गुमराह कर रही हैं।
उधर भाजपा कगे प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक राजीव रंजन ने नोटबंदी को काले धन पर सरकार का सर्जिकल स्ट्राइक बताते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से देश को अनेक फायदे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आज से दो साल पहले प्रधानमन्त्री जी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 500 व 1000 रु के नोटों को बंद करने का फैसला किया था, जिसमें काफी सकारात्मक परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं। नोटबंदी कालेधन पर, आज तक का सबसे घातक स्ट्राइक था, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को घुन की तरह खा रहे जाली नोटों के कारोबार को पूरी तरह से बंद कर दिया। कालेधन और जाली नोटों से चलने वाले उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों की कमर टूट गई। इसके अलावा नोटबंदी ने काले धन के खेल में लिप्त देश की तकरीबन तीन लाख फर्जी कंपनियों को बेनकाब कर दिया। इन कंपनियों का पता चलते ही सरकार ने इन्हें खत्म कर दिया और कंपनियों के निदेशकों को आजीवन ब्लैकलिस्ट कर दिया।
इसके अलावा आज लाखों कंपनियां जांच के घेरे में हैं। नोटबंदी के कारण आज देश में टैक्स देने वालों की संख्या पूर्व की सरकार की तुलना में दोगुने से भी अधिक हो चुकी है। आज देश में तकरीबन 7 करोड़ से अधिक लोग टैक्स दे रहे हैं, जबकि पिछली सरकार के दौरान यह संख्या 2.5 से 3 करोड़ के आसपास थी। हकीकत में नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को और पारदर्शी बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
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श्री रंजन ने आगे कहा कि नोटबंदी से पहले काले धन के खिलाड़ियों को लगता था कि उनका कोई कुछ बिगाड़ नही सकता, लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से उनकी बोलती बंद हो गयी और कोई चारा सामने न देख उन्होंने सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया, जिसमें कुछ राजनीतिक दल भी उनका समर्थन करते नजर आए। इन्होंने जनता को भड़काने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उनके खेल को समझा और पूरी ताकत से इस मसले पर सरकार के साथ खड़े नजर आए। हकीकत में नोटबंदी की सफलता में सबसे बड़ा योगदान आम जनता के इसी समर्थन का है।
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