- डी. कृष्ण राव
कोलकाता। RSS की सलाह पर बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को दी बड़ी जिम्मेवारी सौंपी है। RSS ने पश्चिम बंगाल की कमान अब अपने हाथ में ले ली है। आरएसएस के इशारे पर बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी पर ज्यादा भरोसा किया है। उन्हें पार्टी हित में हर तरह के फैसले लेने का अधिकार बीजेपी ने दे दिया है। वैसे दिलीप घोष अभी पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे, लेकिन उन्हें भी अपनी जुबान पर लगाम लगाने की सलाह दी गयी है। उन्हें कहा गया है कि बीजेपी के साथियों के बारे में कोई तल्ख टिप्पणी से बचें।
बंगाल में बीजेपी की अप्रत्याशित पराजय के बाद पूरे बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमले पर काबू पाने और संगठन को फिर से मजबूत करने के लिए RSS के निर्देश पर बीजेपी आलाकमान ने बंगाल का पूरा दायित्व युवा नेता शुभेंदु अधिकारी को सौंप दिया है। शुभेंदु अधिकारी दो दिन दिल्ली में रह कर भाजपा के कई आला नेताओं से मिले थे। भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, सौमित्र खान और एक अन्य सांसद को भी दिल्ली तलब किया गया था।
2 मई को बंगाल विधानसभा चुनाव का रिजल्ट निकलने के बाद से अभी तक भाजपा का आरोप है कि उसके लगभग ढाई दर्जन कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। लाखों समर्थक टीएमसी के अत्याचार से अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को विवश हुए हैं। इससे बीजेपी का संगठन सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है। चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं में मुकुल राय, उनके पुत्र शुभ्रांशु, राजीव बंदोपाध्याय, पूर्व फुटबॉलर दीपेंद्र विश्वास, सोनाली गुहा जैसे कद्दावर नेताओं में 2 की वापसी टीएमसी में हो चुकी है। बाकी नेताओं की भी टीएमसी में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक वापसी के लिए सैकड़ों आवेदन पार्टी के पास आये हैं।
राजीव बंद्योपाध्याय यानी राजीव बनर्जी की वापसी के सबसे बड़े पैरोकार पार्टी महासचिव कुणाल घोष बने हैं। टीएमसी में जाते ही मुकुल राय ने कल बीजेपी के 10 विधायकों से फोन पर संपर्क साधा। पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी तो यहां तक दावा कर चुके हैं कि बीजेपी के 75 विधायकों में 33 टीएमसी में आने को बेताब हैं। इसे देखते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत के निर्देश पर युवा नेता शुभेंदु अधिकारी को हाल ही में दिल्ली बुलाकर गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री ने कई बार बैठक की। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी उनकी बातचीत हुई।
बाद में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल की बागडोर शुभेंदु अधिकारी के हाथों सौंपने का फरमान सुनाया। शुभेंदु के करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में बैठक के पहले शुभेंदु अधिकारी की सलाह पर बंगाल से तीन सांसदों- उत्तर बंगाल के निचित अधिकारी, लाल मिट्टी वाले बंगाल के सौमित्र खान और गैर बंगालियों के चेहरा अर्जुन सिंह को दिल्ली बुलाया गया था। तीनों की ट्यूनिंग शुभेंदु अधिकारी से मिलती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुभेंदु को बंगाल में अपने हिसाब से काम करने की खुली छूट मिली है। उन्हें यह टास्क मिला है कि बंगाल की हर सूचना वे सीधे जेपी नड्डा और RSS प्रमुख मोहन भागवत से शेयर करेंगे। बंगाल के कार्यकर्ताओं का मनोबल फिर से बहाल करने के लिए नेताओं को सड़क पर उतर कर आंदोलन करने की सलाह दी गई है। 23 जून को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बरसी है। पुण्यतिथि बंगाल के हर मंडल में धूमधाम से मनाने को कहा गया है। इसके लिए पार्टी ने भरपूर राशि मंजूर की है।
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सूत्रों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ही शुभेंदु अधिकारी को संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है, जिसके लिए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उन्हें पूरी सहायता दी जाएगी। शुभेंदु को आरएसएस की प्लानिंग के तहत चलने की सलाह भी दी गई। तृणमूल में वापस जा रहे नेताओं को रोकने से मना किया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि राज्य बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष को भी साफ कहा गया है कि वह पार्टी में सभी से मिलजुल कर काम करें। प्रेस के सामने केवल शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष को ही बोलने की छूट दी गई है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से शुभेंदु अधिकारी को यहां तक आश्वासन दिया गया है कि 2024 के पहले तक अगर संगठन को मजबूत बनाने में कामयाब रहे तो 2024 में उन्हीं को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से शुभेंदु को यह काम दिए जाने के बाद उनके सामने सबसे बड़ा चैलेंज है बंगाल भाजपा में चल रही गुटबाजी को बंद करना। दिलीप घोष और तथागत राय को साथ लेकर लेकर चलना। दूसरा सबसे बड़ा काम यह सौंपा गया है कि TMC के आक्रमण से घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे लोगों को घर वापस लाने का प्रयास करें। उन पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की कोशिश करें। जरूरत हो तो जिलों के अध्यक्षों को बदलें और पिछले चुनाव में भाजपा में रह कर जिन लोगों ने भाजपा के साथ गद्दारी की है, उनको पार्टी से निकालें।
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