- राज्य के सभी निबंधन कार्यालय होंगे अंचल कार्यालयों से संबद्ध
- सीएम ने किया Suo-Motu दाखिल-खारिज सुविधा का शुभारंभ
पटना। बिहार में दाखिल-खारिज के लिए अब दौड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए आन लाइन सुविधा शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन दाखिल खारिज, ऑनलाइन लगान भुगतान एवं निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध कर दाखिल खारिज सुविधा का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे संतोष हो रहा है कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके लिए हम लोग पहले से ही प्रयासरत थे। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद और जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान समीक्षा से यह पता चला कि 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के हैं। आपसी झगड़े, आपराधिक घटनाओं में भी भूमि विवाद एक महत्त्वपूर्ण वजह होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन के आंकड़े अपडेट नहीं हैं। यह भूमि दस्तावेज काफी पुराना है। सर्वे 1901 पर आधारित है। हम लोगों ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरू किया है। इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया। हालांकि 5-5 जगहों से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ी, जिस कारण तीन वर्ष का समय लग गया, लेकिन अब यह काम पूर्ण हो गया है। इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है। इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक/विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक, 12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आई.टी. ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा। फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खरीद-बिक्री का काम अभी किया जा रहा है, लेकिन आज तीन ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत के बाद इसमें सुविधा होगी। भूमि विवाद के कारणों को हल करने में इससे सहूलियत होगी। लगान वसूली के लिए कर्मचारी की संख्या कम रहने के कारण काफी समस्या होती थी। साथ ही कर्मचारी को तलाश करने में भी लोगों को काफी परेशानी होती थी।
उन्होंने कहा कि 1100 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण करवाया गया है और शेष पंचायतों में भी पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जाना है। पंचायत सरकार भवन में ही कर्मचारी के बैठने की व्यवस्था होगी, जिससे लोगों को कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यों में कानून व्यवस्था को बहाल करना उनकी प्राथमिकता है। इस कार्य में बिहार जैसे राज्य में सबसे बड़ी समस्या भूमि विवाद के कारण होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग काफी महत्वपूर्ण विभाग है, जिसके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। अब नए तकनीक के प्रयोग से कार्यों में सुविधा होगी। जमीन का बंटवारा होने के बाद भी दादा-परदादा-पिताजी के नाम से जमीन रहती है। दाखिल खारिज अपने नाम से नहीं होने से खरीद बिक्री में विवाद होता है। निबंधन शुल्क ज्यादा होने के कारण भी आपसी सहमति से हुए बंटवारे का निबंधन लोग नहीं कराते हैं। उन्होंने कहा कि अब पारिवारिक बंटवारे में हमने यह निर्देश दिया है कि इस शुल्क को सांकेतिक किया जाये। कम से कम खर्च में लोग दाखिल खारिज करा सकेंगे और उनकी जमीन का दस्तावेज आधिकारिक हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर तथा अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों को स्कैन कर ई-रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि पुराने दस्तावेज सुरक्षित रहें और उनका भविष्य में उपयोग हो सके। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में भी सहुलियत होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह के एक दिन यानि शनिवार को थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी की बैठक होगी जिसमें भूमि विवाद की जानकारी ली जाएगी एवं उसके समाधान का उपाय किया जायेगा। हर 15 दिनों पर जिलाधिकारी एवं एस.पी. की बैठक होगी, जिसमें अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त की जाएगी एवं जिले के अंदर भूमि विवाद संबंधी समस्या के समाधान के लिए विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। निर्धारित 15 दिन में एक दिन पूरे समय बैठने का मौका नहीं मिलता है, फिर भी कम से कम कुछ घंटों की बैठक जरुर होनी चाहिए। प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डी.जी.पी., प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं प्रधान सचिव निबंधन विभाग की एक बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा की जाएगी। इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें खतिआनों एवं रजिस्टर-2, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का, डिजिटलाइजेशन एवं स्कैनिंग किया जाएगा। इससे नए सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकाॅर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नए सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियां होंगी, उसके निष्पादन में कम समय लगेगा। डिजिटाइज्ड जमाबंदी का शुद्धीकरण, सभी सॉफ्टवेयर में आपत्ति देने के प्रावधान का समावेश किया जाएगा। ऑनलाइन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र देने के सॉफ्टवेयर का निर्माण, फेजवाइज सर्वेक्षण का प्रारंभ और सर्वेक्षणकर्मियों का नियोजन किया जाएगा। इन सभी कर्मियों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कर्मी पूर्णतः बहाल नहीं हो जाते हैं, तब तक एक जिले में प्रयोग के तौर पर जूनियर इंजीनियर को ट्रेनिंग देकर काम कराया जा सकता है फिर आगे सुविधानुसार इस पर अमल किया जा सकता है, जब तक नियुक्ति न हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो ऑनलाइन व्यवस्था शुरु हुई है, उसकी सतत् निगरानी जरुरी है। इससे समस्या के समाधान में तेजी का आकलन हो सकेगा। जमीन के प्रति सेंस ऑफ पजेशन लोगों में ज्यादा होता है। यह एक गंभीर विवाद का कारण बन जाता है और घटनाएं हो जाती हैं। नए सिस्टम के आने से हम व्यवस्था को और दुरुस्त कर सकते हैं और समस्या समाधान की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं। मैं भरोसा करता हूं कि लोग इसका लाभ उठाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि नया सर्वे सेटलमेंट का काम 2 वर्ष के अंदर कर लिया जाय और इसके बाद चकबंदी भी लागू कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार का विकास दर डबल डिजिट में है।
हम लोग विकेंद्रीकृत तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर भूमि संबंधित विवाद खत्म हो जायें तो बिहार विकास की नई ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा। कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी। आप सब इस विभाग के ऊर्जावान कर्मी हैं, अपने कार्यकाल में इस काम को पूर्ण करें, इससे अपने मन में संतुष्टि तो होगी ही, लोग भी आपको याद करेंगे।
मुख्यमंत्री का स्वागत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर किया। कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन दाखिल खारिज, ऑनलाइन लगान भुगतान एवं निबंधन कार्यालयों से संबद्ध कर आन लाइन दाखिल-खारिज के संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री ने तकनीकी विशेषज्ञों को प्रषस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
यह भी पढ़ेंः नई पीढ़ी के अभियंताओं के बल पर काम गुणवत्तापूर्ण होगाः नीतीश
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम नारायण मंडल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, अध्यक्ष राजस्व पर्षद सह सदस्य श्री सुनील कुमार सिंह, प्रधान सचिव गृह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, निदेशक भू-अर्जन एवं विशेष सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री वीरेंद्र कुमार मिश्र, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, निदेषक भू-अभिलेख एवं परिमाप श्री जय सिंह सहित राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
यह भी पढ़ेंः SC/ST और अति पिछड़ा वर्ग के के लिए नीतीश ने किया बड़ा ऐलान