पटना। बिहार के बहुचर्चित इंटर टॉपर घोटाला में मैट्रिक व इंटर के टॉपर का टाइटल दिलाने वाले बच्चा राय उर्फ अमित कुमार को जमानत मिल गई। टापर घोटाला के मुख्य आरोपी बच्चा राय की जमानत को पटना हाईकोर्ट ने मंजूर किया है। इसके बाद जून 2016 से जेल में बंद बच्चा राय तीन महीनों के लिए बाहर आयेंगे।
पटना हाई कोर्ट ने बच्चा राय को गम्भीर बीमारी का इलाज कराने के लिए तीन महीने के लिये अंतरिम जमानत दी है। बुधवार को पटना हाईकोर्ट में बच्चा राय की ओर से मेडिकल ग्रांउड के आधार पर जमानत याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीष वीरेंद्र कुमार की एकल खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। आरोपी की ओर से कोर्ट के समक्ष मेडिकल रिपोर्ट पेश किया गया, जिसमें उसे गंभीर तौर पर बीमार बताया गया। कोर्ट ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत मंजूर किया। जमानत का फैसला सुनाने के साथ ही कोर्ट ने आरोपी को जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने को कहा है।
यह भी पढ़ेंः
मैथिली फिल्म लव यू दुल्हिन को दिल्ली सरकार करेगी टैक्स फ्री
मां और दो बेटियों पर तेेजाब उड़ेल दिया, मां गंभीर रूप से जख्मी
बांग्ला में लेखन, पर हिन्दी में सर्वाधिक पढ़े गये शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय
बच्चा राय टापर घोटाला के मुख्य आरोपी हैं। वह मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में टाप कराने की सेटिंग कराता था और उसकी एवज में मोटी रकम वसूलता था। उस पर आरोप है कि उसने अपने वीआर कालेज के परीक्षार्थियों का मूल्यांकन केंद्र बदलवाया और उनकी उत्तर पुस्तिकाओं पर मर्जी से उत्तर लिखवाया। इसका खुलासा वर्ष 2016 में एक टीवी चैनल ने टॉपर से इंटरव्यू लेने के बाद किया था।
वर्ष 2016 में इंटर टॉपर रूबी राय ने कला संकाय में टाप किया था, जबकि उसे अपने विषय का नाम तक पता नहीं था। टाप करने वाली बच्ची बच्चा राय के रिश्ते में भी थी। जिसके बाद टॉप करनेवाली छात्रा की क्षमता को लेकर काफी बवाल मचा था। इस खुलासा के बाद जहां बिहार बिहार बोर्ड को उस इंटर परीक्षा परिणाम को रद्द करना पड़ा था, वहीं इस मामले के उजागर होने के बाद कई हाईप्रोफाइल व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। जिसमें बच्चा राय भी शामिल था।
टापर घोटाला से संबंधित जांच के तहत बच्चा राय की 28 संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने अपने कब्जे में लिया, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी गई। बताया जाता है कि इतनी अकूत संपत्ति का अर्जन उसने टापर का टाइटल दिलवाने में हेराफेरी से अर्जित की थी।
टापर घोटाला में बच्चा राय के अलावा तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद, सचिव हरिहरनाथ झा, उषा सिन्हा व बीरकेश्वर राय समेत कई हाई प्रोफाइल लोग आरोपित किये गये थे। जिन्हें गिरफ्तार भी किया गया। विगत 11 दिसबंर को लालकेश्वर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। लालकेश्वर को जून 2016 में वाराणसी से गिरफ्तार किया गया था। लालकेश्वर के साथ उनकी पत्नी उषा सिन्हा भी इस मामले में आरोपित हैं। उषा लालकेश्वर से पहले ही जमानत पर हैं। इससे पहले बोर्ड के पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वहीं बच्चा राय को अंतरिम जमानत मिलने के बाद इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर बीकेश्वर राय जेल में हैं।