PMCH बनेगा वर्ल्ड लेवल का अस्पताल, 5,540 करोड़ खर्च होंगे

0
266
PMCH वर्ल्ड लेवल का अस्पताल बनेगा। इस पर 5,540 करोड़ रुपये की लागत आएगी। PMCH 5,462 बेड का अस्पताल होगा। निर्माण 5 साल में पूरा होगा।
PMCH वर्ल्ड लेवल का अस्पताल बनेगा। इस पर 5,540 करोड़ रुपये की लागत आएगी। PMCH 5,462 बेड का अस्पताल होगा। निर्माण 5 साल में पूरा होगा।

मुख्यमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • 5 वर्षों में पूरा होगा काम, विशेषज्ञों की कमेटी करेगी मानिटरिंग
  • इस अस्पताल में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज हो सकेगा
  • इलाज के लिए किसी को बिहार के बाहर जाने की जरूरत नहीं

पटना। PMCH वर्ल्ड लेवल का अस्पताल बनेगा। इस पर 5,540 करोड़ रुपये की लागत आएगी। PMCH 5,462 बेड का अस्पताल होगा। निर्माण 5 साल में पूरा होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने PMCH परिसर में भूमि पूजन एवं शिलापट्ट का अनावरण कर पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा छात्र जीवन से ही PMCH से लगाव रहा है। हम बगल के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। श्रद्धेय अटल जी की सरकार में हमलोगों ने इस इंजीनियरिंग कॉलेज को एन.आई.टी. में तब्दील कराया। कॉलेज के दिनों में इस अस्पताल में पढ़ रहे मित्रों से मिलने के लिए PMCH में आया करते थे। PMCH का शुरू से अपना विशिष्ट महत्व रहा है।

पहले पूर्वी भारत एवं नेपाल के लोग भी यहां इलाज के लिए आते थे। PMCH को और बेहतर बनाने के लिए अनेक डॉक्टरों से बातचीत होती रही है। PMCH में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में हम आते रहे हैं और उस दौरान इस पर चर्चा होती रही है। जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा थे तो उस समय भी एक कार्यक्रम यहां आयोजित हुआ था। उसमें भी हमारी इस संबंध में उनसे बातचीत हुई थी।

- Advertisement -

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगल पांडेय जब स्वास्थ्य मंत्री बने तो PMCH का पुनर्निमाण कर इसे विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ। इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनाई गयी। आज के कार्यक्रम में एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आप सभी को दिखाया गया है कि PMCH किस तरह से विश्वस्तरीय अस्पताल बनेगा। इसका निर्माण तीन चरणों में होगा। निर्माण के दौरान PMCH का काम प्रभावित नहीं होगा। यहां चिकित्सकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के रहने के लिए आवास का बेहतर निर्माण भी किया जायेगा। इस परियोजना में एक-एक बिंदु का ध्यान रखा गया है।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में बताया गया है कि इस परियोजना के पूर्ण होने का लक्ष्य 7 वर्ष निर्धारित किया गया है। मेरी ख्वाहिश है कि इसका निर्माण कार्य 5 वर्षों में पूर्ण कर लिया जाये। निर्माण कार्य तेजी से हो, इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी बनायें, जो इसका सतत मानिटरिंग करती रहे। हम भी निर्माण कार्य का जायजा लेने के लिए बिना बताए बीच-बीच में आते रहेंगे और जरूरी सुझाव देते रहेंगे। किसी प्रकार की जरूरत होने पर सरकार की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाएगा। जितने संसाधन की जरूरत होगी, सब उपलब्ध कराए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि PMCH का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण हो, ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अस्पताल में लोगों के आवागमन को बेहतर बनाने के लिए इसे गंगा पथ से जोड़ा जा रहा है। अशोक राजपथ से भी एलिवेटेड सड़क बनाकर इसे जोड़ा जाएगा। यहां हेलीकॉप्टर के भी उतरने की व्यवस्था होगी, ताकि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यहां लाने में सुविधा हो। यहां गाड़ियों की पार्किंग की भी उचित व्यवस्था होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज होगा और अनुसंधान कार्य भी किए जाएंगे। एन.एम.सी.एच., एस.के.एम.सी.एच. और ए.एन.एम.सी.एच. में भी बेड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसी को भी इलाज के लिए बिहार से बाहर जाना न पड़े। उन्होंने कहा कि हमलोगों की सरकार आने के पहले राज्य में स्वास्थ्य की क्या स्थिति थी, सभी जानते हैं। वर्ष 2006 से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए काम किया गया। गांव में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है। अब उन लोगों के लिये नई तकनीक के माध्यम से कई बीमारियों के इलाज का इंतजाम किया जा रहा है।

कोरोना संक्रमण काल में बिहार में बढ़िया काम हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हमलोगों ने कई कदम उठाए। चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एकजुट होकर काम किया। मैं आप सभी लोगों का इसके लिए अभिनंदन करता हूं। कोरोना संक्रमण के दौरान इससे बचाव को लेकर कई पुराने एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत होती रही है। वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद पल्स-पोलियो टीकाकरण का कार्य अभियान चलाकर तेजी से किया गया जिसकी प्रशंसा सभी जगह हुयी। दुनिया में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई उसकी तुलना में अपने देश में मरीजों की मौत कम हुई। देश में कोरोना से मृत्यु की दर 1.44 प्रतिशत रही जबकि बिहार में कोरोना से मृत्यु दर 0.58 प्रतिशत रही। 10 लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण की औसत जांच जितनी देश में हो रही है, उससे 22 हजार ज्यादा जांच बिहार में हो रही है।

कोरोना की रोकथाम के लिए प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का काम पूरे देश में चल रहा है। दूसरे चरण के टीकाकरण में 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के साथ-साथ 50 वर्ष से कम आयु के गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा। लोगों का वैक्सीनेशन निःशुल्क कराया जा रहा है। बिहार में टीकाकरण का काम भी तेजी से हो रहा है। बिहार में टीकाकरण की दर पूरे देश में सबसे अधिक है। बिहार में कोरोना संक्रमण बहुत घटा है लेकिन फिर भी इससे सचेत और सतर्क रहना है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पी0एम0सी0एच0 के पुनर्विकास कार्य की शुरुआत आज हुयी है और मेरी इच्छा है कि यह पांच वर्ष में बनकर विश्वस्तरीय स्वरुप में तैयार हो जाए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने हरित पौधा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने प्रतीक चिह्न भेंट कर किया। कार्यक्रम के दौरान पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की पुनर्विकास एवं परियोजना से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यक्रम को केन्द्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, विधायक नितिन नवीन, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एवं पीएमसीएच के प्राचार्य विद्यापति चैधरी ने भी संबोधित किया।

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने पहले सेना के शौर्य पर सवाल उठाया, अब कोरोना टीके पर संदेह(Opens in a new browser tab)

- Advertisement -