बिहार में जलभराव पर शुरू हुई राजनीति, निशाने पर नीतीश व अफसर

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बिहार में बारिश से उत्पन्न जलजमाव के हालात पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात करते बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जयसवाल
बिहार में बारिश से उत्पन्न जलजमाव के हालात पर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात करते बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जयसवाल

बीजेपी के नेता कुव्यवस्था की बात कह कर नीतीश को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं

पटना। बिहार में बारिश से उत्पन्न जलभराव के हालात और लोगों को राहत पहुंचाने के सवाल पर राजनीति शुरू हो गयी है। निशाने पर नीतीश कुमार और उनके अफसर हैं। जलजमाल से तबाह लोग तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कस ही रहे हैं, उनकी सरकार में शामिल बीजेपी के नेता भी कुव्यवस्था की बात कह कर अपरोक्ष तौर पर नीतीश को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करने लगे हैं। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह तो नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं। अब बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष संजय जयसवाल ने भी कुव्यवस्था का सवाल उठाया है। ऐसा समझा जाता है कि हालात काबू में आने के बाद कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर गाज गिरेगी।

संजय जयसवाल ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है- विगत 3 दिनों से पटना के हालात पर विचलित हूं। प्राकृतिक आपदा पर किसी का वश नहीं होता है, पर 24 घंटे  बारिश रुक जाने के बाद भी पानी का नहीं निकलना यह बताता है कि प्रशासनिक लापरवाही जरूर हुई है।

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उन्होंने राहत कार्य में लगी जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और संघ के स्वयंसेवकों को धन्यवाद दिया है, जो इस विषम परिस्थिति में प्रभावित लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं।  उन्होंने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को और केंद्र सरकार को भी धन्यवाद दिया है कि उन्होंने 20 एनडीआरएफ की टीम बिहार में भेजी है। बिहार सरकार ने भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर कोल इंडिया और विभिन्न स्तर से अलग से मोटर का प्रबंध किया।

उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में जो  प्रशासनिक अधिकारी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। सांसद, विधायकों की स्थिति जनप्रतिनिधि के नाते बहुत अच्छी तरह समझ सकता हूं। सांसद और तीनों विधायक लगातार मेहनत कर रहे हैं, पर नालों की उड़ाही और संप मोटर का काम नहीं करने में उनकी कोई भूमिका होती नहीं है।

उन्होंने 1 अक्तूबर के पोस्ट में लिखाः 2017 के बाढ़ में 24 घंटे में हमने जिला पदाधिकारी के साथ मिलकर खाने की व्यवस्था चंपारण के सभी गांवों में शुरू करवा दी थी। लेकिन पटना में राहत सामग्री आज जाकर ठीक हुई है। अभी आपदा में पहला कार्य इन सब चीजों से निजात का ही होना चाहिए, पर 10 दिनों बाद इसकी समीक्षा होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई भी बिहार सरकार को करनी चाहिए, जिसके लिए मैं भी उच्च स्तर पर बात करूंगा।

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