पोस्टर के जरिये जनमत बनाने का अधिकार सभी दलों का हक- मोदी
पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में लग गये हैं। अक्सर जहां राजनीतिक दल अपने विरोधियों को बयान से जवाब देते हुए दिखाई पड़ते हैं, वहीं पार्टियां अब कोई कोर कसर न छोड़ते हुए पोस्टर से भी जवाब देने की जुगत में जुट गई है।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, पोस्टर के जरिये जनमत बनाने का अधिकार सभी दलों को है। कुछ लोग जनमत बिगाड़ने या राज्य की छवि धूमिल कर निवेशकों को डराने के लिए भी पोस्टर का दुरुपयोग कर रहे हैं।
जेडीयू ने एक दिन पहले जारी किया था पोस्टर
दरअसल बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने एक दिन पहले ही पोस्टर जारी किया था जिसमें नारा था- ‘क्यों करे विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार।’ इसके बाद बिहार में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सरकार पर हमलावर हो गया और आरजेडी ने भी पटना स्थित अपने कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाया है। आरजेडी ने अपने पोस्टर में जेडीयू के स्लोगन पर पलटवार कहते हुए लिखा है, ‘क्यों न करें विचार, बिहार जो है बीमार।’
विरोधियों के पोस्टर रद्दी-कबाड़ साबित- मोदी
इसके जवाब में सुशील मोदी ने लिखा है कि, संसदीय चुनाव के समय भी बहुत सारे पोस्टर लगाये गये थे, लेकिन जनता ने किस पर भरोसा किया, किनके पोस्टर को रद्दी-कबाड़ साबित किया, यह सामने है। सामान्य वर्ग के गरीबों को रिजर्वेशन देने का विरोध और सेना के शौर्य का अपमान करने वालों के पोस्टर कहां चले ?
पटना में जेडीयू कार्यालय के बाहर पार्टी ने होर्डिंग लगाया गया है जिसमें लिखा है- ‘क्यों करें विचार ठीके तो है नीतीश कुमार’। तो एक अन्य होर्डिंग पर लिखा है- ‘सच्चा है; अच्छा है। चलो, नीतीश के साथ चलें’। देसी अंदाज में लिखे गए इस नारे में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि जब नीतीश कुमार हैं ही तो फिर दूसरे के नाम पर विचार क्यों किया जाए।