पटना। पिछले दिनों NTPC थाना क्षेत्र में बिजली की चपेट में आकर एक ही दिन हुई 3 मौतों के बाबजूद बिजली विभाग की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ अनुमण्डल में बिजली विभाग की लापरवाही लगातार बढ़ती ही जा रही है। दो दिनों से लगातार शिकायत करने के बाद भी विभाग ने कोई अमल अब तक नहीं किया। आज भी एक बड़ा हादसा टल गया। मामला हाथीदह विद्युत उपकेंद्र का है।
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हाथीदह बायपास में पेपर्स कोल्ड ड्रिंक्स की कम्पनी को वितरित विद्युत कनेक्शन को लापरवाही पूर्वक एक पेड़ से होकर गुजारा गया, जिससे पेड़ जलने लगा और पूरे पेड़ में विद्युत प्रवाहित होने लगी। इसी बीच एक व्यक्ति ने कनीय अभियंता को इसकी सूचना दी, परन्तु वे दो घण्टे बाद तक भी नहीं आये और धू-धू कर जलता हुआ पेड़ का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर आ गिरा। जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय एक कार में 5 व्यक्ति सवार थे, जो किसी तरह अपनी जान बचा पाए।
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सबसे बड़ा सवाल यह कि आखिर बिजली विभाग की लापरवाही से हो रही इन मौतों के लिये विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार क्यों नहीं बनाया जाता? क्या आपने कभी सुना है कि कभी विभागीय अधिकारियों को हजारों मौतों के बाद भी सजा मिली हो? एक तो सजा होती नहीं, दूसरी अगर होती भी है तो सिर्फ सांकेतिक और आभासी।
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ऐसे मामलों में गैर इरादतन हत्या का मामला जिम्मेदार अधिकारियों पर चलना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले समय में शायद ही आपको ऐसे हादसों की खबर देखने-सुनने को मिले। कहीं तार लटके हुए हैं तो कहीं लोगों ने अपने ढंग से तार खींच लिये हैं। किसी की नजर इस पर नहीं पड़ती हो, ऐसी बात नहीं है। देखते बिजली विभाग के लोग भी हैं, पर पता नहीं उनका मुंह क्यों बंद रहता है।
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