PATNA : RJD अपने वर्कर को हाईटेक बनाने की तैयारी में जुट गया है। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का फरमान इसी अंदाज में आया है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने 1990 के दशक में (IT) इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के बारे में टिप्पणी की थी कि ये आईटी-वाईटी क्या होता है। आज उन्हीं की पार्टी अब सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है। पार्टी का मानना है कि बीजेपी के फेक न्यूज का जवाब देने के लिए अप कार्यकर्ताओं को भी सोशल मीडिया पर एक्टिव होना पड़ेगा।
लालू ने एक समय कंप्यूटर की दुनिया को यह कहकर नकार दिया था कि जिस देश में मानव संसाधन की प्रचुरता है, वहां कंप्यूटर की कोई जरूरत नहीं। कोलकाता में बिजनेसमेन के एक कार्यक्रम में बहैसियत आरजेडी प्रमुख उन्होंने कहा था कि अमेरिका जैसे विकसित देश में कंप्यूटर से वोटों की गिनती फेल हो गई तो फिर हाथों से ही मतों की गिनती करनी पड़ी। उन्होंने इस बात को जायज ठहराने की कोशिश की कि कंप्यूटर की वजह से लोगों के काम के अवसर कम हो सकते हैं।
आज उन्हीं की पार्टी के बिहार प्रमुख जगदानंद सिंह ने पार्टी जनों के लिए सोशल मीडिया पर अकाउंट रखना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने एक पत्र जारी किया है और कहा है कि भाजपा के फेक न्यूज़ से निपटने के लिए आरजेडी कार्यकर्ताओं का सोशल मीडिया अकाउंट होना जरूरी है। उन्होंने प्रखंड स्तर पर 1500 कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी मांगे हैं, ताकि पार्टी स्तर पर कोई मैसेज हो तो आसानी से उन्हें कनवे किया जा सके।
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जगदानंद सिंह ने यह भी कहा है कि अगर पार्टी के नेता कार्यक्रम में कहीं जाते हैं तो उनका स्वागत फूल-मालाओं के बजाय पार्टी के झंडों से होना चाहिए। साथ ही उन्होंने हिदायत दी कि मंच पर स्थानीय नेताओं को तवज्जो मिलनी चाहिए। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने प्रखंड स्तर पर अपने कार्यालय खोलने की योजना बनाई है और इस पर काम भी शुरू हो गया है। उसी अंदाज में राष्ट्रीय जनता दल ने भी प्रखंड स्तर पर कार्यालय खोलने की तैयारी की है।
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आरजेडी के राज्य अध्यक्ष श्री सिंह यह कवायद इस रूप में देखी जा रही है कि पार्टी अपने दम पर राज्य की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। महागठबंधन के घटक दलों की कूद-फांद देखते हुए पार्टी ने सख्त रवैया अपनाया है। हालत यह कि कांग्रेस के बुलावे पर भी राजद का कोई नेता आधिकारिक तौर पर नहीं जाता। हालांकि अभी तक कांग्रेस की ओर से सिर्फ अधिक सीटों की मांग ही महागठबंधन में होती रही है। वह भी दबे स्वर से। महागठबंधन के दूसरे घटक दल उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, जीतन राम मांझी की हम (से), मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी शरद यादव के साथ मिल कर ज्यादा उछल-कूद मचा रही हैं। मांझी ने तो लालू को कोसते हुए यहां तक धमकी दे डाली कि उन्हें तवज्जो नहीं मिली तो वे मार्च में कोई फैसला ले लेंगे। मंगलवार को नीतीश से मांझी की मुलाकात को भी इसी रूप में देखा जा रहा है। बिहार में महागठबंधन के बिखरते सिराजे को देखते हुए ही आरजेडी ने सभी विधानसभा सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
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