हल्के में न लें तेजस्वी-उपेंद्र कुशवाहा की अरवल में हुई मुलाकात को

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बंद कमरे में 15 मिनट तक गुफ्तगू, तेजस्वी ने कहा- राजद में आने का न्योता पहले भी दे चुके हैं

पटना। राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) नेता उपेंद्र कुशवाहा की अरवल में मुलाकात संयोगवश ही मान लें तो करीब 15 मिनट बंद कमरे में दोनों की मुलाकात का कुछ तो मायने है। दोनों ने नाते-रिश्तेदारी की बात तो की नहीं होगी। जाहिर है कि इस चुनावी मौसम में दोनों ने राजनीतिक चर्चा ही की होगी। यह अनुमान इसलिए पक्का हो सकता है क्योंकि हाल के दिनों में कुशवाहा के सुर बदले-बदले रहे हैं। वैसे कुशवाहा कहते हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी कहते हैं कि कोई घटक दल छोड़ कर नहीं जाएगा। उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा कि मोदी के नेतृत्व में लड़े जाने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी पिछली बार की तरह ही एनडीए के साथ रहेगी। इस मुलाकात को हल्के से नहीं लेना चाहिए।

माना यह जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा जितनी सीटें चाहते हैं, उतनी सीटों की उम्मीद भाजपा से न हो और तेजस्वी देने को तैयार हो जाएं। दिल्ली में बीजेपी के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा होते ही घटक दलों में भी खलबली मच गई है। शुक्रवार के दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात सर्किट हाउस में हुई। अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर ही बात हुई होगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पहले भी अपनी पार्टी में वह न्योता दे चुके हैं। उनके इस कथन से अटकलों-अनुमानों को बल मिलता है।

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दोनों नेताओं ने तकरीबन 15 मिनट तक अरवल सर्किट हाउस में मुलाकात की। इस पर जब रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर सीट से शेयरिंग के मामले से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ थे और एनडीए के साथ ही रहेंगे।

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