20 सीटों पर लड़ सकता है राजद, बाकी सीटें साथियों को देगा

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पटना। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मचे घमासान के बीच राजद नीत महागठबंधन ने चौकसी बरतनी शुरू कर दी है। राजद ने खुद को इस बात के लिए तैयार कर लिया है कि तकरीबन आधा दर्जन छोटी पार्टियों को साथ लेकर चलना है और उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व देना है, ताकि नरेंद्र मोदी की मुखालफत जोरदार ढंग से किया जा सके। इस क्रम में राजद खुद अपने लिए पिछली बार से कम सीटें रखेगा और अपने साथियों के लिए जगह बनायेगा। राजद खेमे की सूचनाओं पर यकीन करें तो 20 सीटों पर राजद खुद लड़ेगा और 20 सीटें अपने सहयोगियों को देगा।

सीटों के मामले को लेकर महागठबंधन में ज्यादा किचकिच की संभावना नहीं दिखती। इसलिए कि कांग्रेस को छोड़ कोई बड़ी पार्टी महागठबंधन में नहीं है। कांग्रेस ने पार्टी में जान फूंकने के लिए नयी कमेटी बनायी है। आनंद माधव और शाश्वत गौतम जैसे कुछ नये और बेदाग चेहरों को पार्टी ने अपने साथ जोड़ा है। राज्यभर में जनसंपर्क अभियान पार्टी चला रही है। राष्ट्रीय स्तर पर अगर कांग्रेस की स्थिति में सुधार होता है तो इसका लाभ राजद और छोटी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलेगा।

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महागठबंधन में राजद के अलावा शरद यादव की पार्टी, जीतन राम मांझी की पार्टी, सीपीआई, सीपीआई (एसएल) और कालांतर में उपेंद्र कुशवाहा के साथ रहने की संभावना है। राजद के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर जो फार्मूला तय हुआ है, उसमें राजद खुद 20 सीटों पर लड़ेगा और साथियों के बीच बाकी 20 सीटों का बंटवारा होगा। कांग्रेस को 10-12 सीटें देने पर राजद ने मन बनाया है।

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सब कुछ ठीक रहा तो राजद में सीट बंटवारे का मामला महागठबंधन सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटा लेगा। उपेंद्र कुशवाहा के सामने चूंकि कोई चारा नहीं है, इसलिए महागठबंधन को उम्मीद है कि अंततः वह भी महागठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे।

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