हिट वेव से प्रभावित इलाकों में सुबह 11 से 5 बजे तक बाजार बंद रहेंगे
पटना। बिहार में 24 जून तक बिहार के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के साथ-साथ कोचिंग संस्थान भी बंद रहेंगे। हिट वेव वाले इलाकों में सुबह 11 से 5 बजे तक बाजार बंद रहेंगे। इस दौरान निर्माण कार्य भी बंद रहेंगे। हिट वेव से प्रभावित जिलों एवं जिन इलाकों में पेयजल स्तर नीचे चले गये हैं, उन सभी जगहों पर टैंकर के माध्यम से पर्याप्त जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित जायेगी। मुजफ्फरपुर में एईएस हो रही बच्चों की मृत्यु और राज्य में हिट वेव से अब तक हुई मृत्यु के संबंध में उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक के बाद मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ए.ई.एस, जे.ई. और हिट वेव से संबंधित अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। प्रधान सचिव ने विभाग के स्तर पर की गयी तैयारियों की जानकारी दी। डाक्टरों, नर्सेज, दवाइयों की व्यवस्था के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गयी। प्रधान सचिव ने बताया कि ए.ई.एस. से शिकार बच्चे हाई गलैसिमिया से पीड़ित प्रतीत होते हैं, जिनका शुगर लेवेल 50 के नीचे चला जाता है। इस बीमारी से संबंधित राज्य में 380 बच्चों को भर्ती कराया गया, जिसमें से 102 की मृत्यु हो गयी और बाकी बच्चों को समुचित चिकित्सीय सुविधा देकर बचाया जा सका। इस वर्ष प्री मानसून वर्षा नहीं होने एवं ज्यादा आर्द्रता से भी इस परेशानी में बढ़ोतरी हुई है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जिन परिवारों में बच्चों की मृत्यु हुई है, उसका विस्तृत अध्ययन कराइये। उस परिवार एवं गांव की स्थिति का अध्ययन कराइये। जिन बच्चों की मृत्यु हुई है, उन परिवारों की आर्थिक स्थिति क्या है। उनकी आय का स्रोत क्या है? उन सभी क्षेत्रों में बच्चों के कुपोषण और गंदगी की क्या स्थिति है, इसका मूल्यांकन करायें। खुले में शौच से मुक्ति और शुद्ध पेयजल की इन जगहों में क्या स्थिति है, इन सब चीजों का आकलन करवा लिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा लोगों को बताता रहता हूं कि अगर खुले में शौच से मुक्ति और पीने के लिये शुद्ध जल उपलब्ध हो जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों में 90 प्रतिशत होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा। इसी के मद्देनजर सरकार द्वारा हर घर नल का जल और हर घर शौचालय की योजना सरकार द्वारा चलायी जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में इसके संबंध में विशेषज्ञों की बैठक हुयी थी, लेकिन विषेषज्ञ भी इस बीमारी के कारणों पर किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सके।
हिट वेव की समीक्षा के क्रम में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने औरंगाबाद, गया एवं नवादा में लू से होने वाली मौतों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इस संबंध में की जा रही तैयारियों और पीड़ितों के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी गयी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने वाटर टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। मौसम विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि अगले तीन दिनों के बाद स्थिति में परिवर्तन होने की संभावना है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि हर जगह बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करें। वाटर टैंकरों की व्यवस्था को बढ़ायें। हर घर नल का जल के काम में और तेजी लायें। पहाड़ से सटे जिलों में भी टैंकरों की संख्या बढ़ायी जाय और चापाकल की स्थिति भी ठीक रखें। लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाय।
बैठक के उपरांत सूचना भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बैठक में लिए गये निर्णयों एवं मुख्यमंत्री द्वारा दिए गये निर्देशों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम के कुल 404 मामले रजिस्टर्ड हुए, जिनमें से 102 बच्चों की मौत हुई है। किसी भी अस्पताल में अगर ए.ई.एस. से पीड़ित बच्चे एम्बुलेंस या निजी वाहन से भी लाये जाते हैं तो उनके अस्पताल लाने से लेकर इलाज कराने तक का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम के कारण विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष परसेंटेज ऑफ डेथ कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जितने बच्चों की मृत्यु हुयी है, उन सभी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए एक टीम गठित की गयी है, जो कल से ही प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर कारणों का पता लगायेगी। इसके साथ ही उनके न्यूट्रीशन और साफ-सफाई के मद्देनजर घरों के वातावरण को भी देखेगी।
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