राहुल की रैली के बाद ही महागठबंधन में सीटों का बंटवारा संभव

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  • राणा अमरेश सिंह

पटना। बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फंसे पेंच को खोलने के लिए राहुल गांधी की 3 फरवरी की रैली को कांग्रेसी चाबी के रूप में अख्तियार करना चाहते हैं। इस बीच कांग्रेस ने सांसद तारिक अनवर को फ्रंट पर खड़ा किया है, ताकि कांग्रेस को सूबे में सम्मानजनक सीटें मिल सकें। मकर संक्रांति के मौके पर सदाकत आश्रम में तेजस्वी यादव ने शिरकत की थी। इससे महागठबंधन की एका का अनुमान लगाया गया था। लेकिन तेजस्वी ने कांग्रेस को त्याग की सीख और सलाह दे डाली। मामला तभी से और उलझ गया।

तेजस्वी यादव के संकेतों से खार खाई कांग्रेस ने अब सीट शेयरिंग फार्मूला पर अपना पक्ष रखने लिए तारिक अनवर जैसे मुखर फेस को सामने किया है। राहुल गांधी की 3 फरवरी की गांधी मैदान रैली के बाद सीट शेयरिंग का मामला हल होने की संभावना जताई गई है। महागठबंधन के बढ़ते आकार के बावजूद कांग्रेस सीट बंटवारे में अपनी भूमिका कम नहीं करना चाहती है। नेशनल कांग्रेस पार्टी से सांसद रहे तारिक अनवर के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने राजद से कांग्रेस खाते में एक सीट और जोड़ने की मांग की है।

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तारिक अनवर का कहना है कि तेजस्वी की मायावती से मुलाकात के बाद अगर बसपा अपना रुख बिहार की ओर से करती है, तो उसके लिए राजद को अपने हिस्से की सीट छोड़नी होगी।  कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राजद के साथ लगभग 16-16 सीटों के फार्मूले पर अड़ी है। शेष छह सीटें अन्य सहयोगी दलों और निर्दलीय के लिए छोड़ी जायेंगी।

वैसे कांग्रेस 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में  पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में अपना जमीनी दमखम दिखाने के बाद ही सीटों के बंटवारे के लिए सहयोगियों के साथ बैठना चाहती है। तब तक तारिक अनवर को राजद पर दबाव बनाने के लिए अंग्रिम पंक्ति में खड़ा किया गया है।

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कांग्रेस को यकीन है कि राजद सूबे में बसपा-सपा की राह नहीं चलेगा। क्योंकि बिहार में पिछले पांच सालों में कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को बनाना इस दिशा में पहला कदम है। इसके पूर्व तारिक अनवर का कांग्रेस में शामिल होना, रालोसपा मुखिया उपेंद्र कुशवाहा और सांसद पप्पू यादव का लगातार संपर्क में रहना उसकी सीटों की दावेदारी को पुख्ता करता है।

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साल 2014 में कांग्रेस ने बिहार में दो संसदीय क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने बीते एक साल में बिहार में खुद को जमीनी तौर पर तैयार किया है। तारिक अनवर का मानना है कि सन आफ मल्लाह को महागठबंधन में शामिल होने से जनाधार बढ़ा है। उन्होंने उत्तर बिहार में अच्छी कामयाबी मिलने की संभावना जताई।

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तेजस्वी यादव की बसपा नेता मायावती से मुलाकात और महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर उनका कहना है कि जो उन्हें आमंत्रित करेगा, वही अपने हिस्से की सीट देगा। हालांकि उन्होंने बिहार में बसपा के जनाधार होने की बात स्वीकार की। माना जाता है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन से अपमानित कांग्रेस मायावती से दूरी बनाये रखना चाहती है।

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