पटना। बिहार में कोई शिक्षा से दूर न रह जाए, इसके लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी हैं। इन योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे, इसके लिए भी प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है। पिछड़े वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के बच्चे, जो गरीबी के चलते स्कूल नहीं जा पाते, उन छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने खास योजना शुरू की है।
अन्य पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक (विद्यालय) छात्रवृति योजनाः इसके तहत वर्ग 1 से 10 में पढ़ रहे पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा वर्ग के विद्याथियों को प्रतिमाह छात्रवृति दी जा रही है, जबकि हायर एजुकेशन (11वीं, 12वीं, इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन आदि) के लिए दोनों वर्गों को अन्य पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना के तहत छात्रवृति दी जाती है।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग मेघावृति योजनाः बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से 10वीं की परीक्षा प्रथम डिवीजन से पास पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को दस हजार (10,000) रुपये एकमुश्त राशि दी जाती है। पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है। 24 जिलों में निर्मित हो चुके हैं और 14 जिलों में निर्माण हेतु कारवाई जारी है। वहीं इन वर्गों की छात्राओं के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय +2 उच्च विद्यालय संचालित किया जा रहा है, जिसकी संख्या 12 है।
परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति: अन्य पिछड़ा वर्ग(पिछड़ा+अति पिछड़ा) के छात्र-छात्राओं को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की माध्यमिक परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है।
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण योजना: पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को यूपीएससी, बीपीएससी एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी कराने के उद्देश्य से शुरुआत की गई है।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कौशल विकास योजनाः इन वर्गों के व्यक्तियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन हो रहा है। CIPET (Central Institute of PlastiEng.Tech.), हाजीपुर एवं अन्य 30 चयनित कौशल प्रशिक्षण प्रदाता केन्द्रों द्वारा विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रारंभ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से 10वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 10,000 रुपये की एकमुश्त राशि दी जाती है। जननायक कर्पूरी ठाकुर अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास योजना के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक जिला में 100 आसन वाले छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनाः बीपीएससी द्वारा आयोजित संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 50,000 रुपये तथा यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि मुख्य परीक्षा की तैयारी कर सकें।
मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना: अत्यंत पिछड़ा वर्ग के परिवार को, जिनके पास आवास निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है, उन्हें भूमि खरीदने हेतु 60,000 रुपये सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना: अत्यंत पिछड़ा वर्ग लाभुक जिनके द्वारा 1 जनवरी,1966 के पूर्व विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत आवास का निर्माण कराया गया तथा जिनका आवास जीर्ण-शीर्ण हो गया है, उन्हें आवास निर्माण हेतु 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजनाः इन वर्गों के छात्रवासी विद्यार्थियों को प्रति छात्र/ छात्रा 1000 रुपये प्रति माह छात्रावास अनुदान दिया जाता है। साथ ही 15 किलो अनाज मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना: प्रत्येक पंचायत के लिए 5 योग्य वाहनों की खरीद पर क्रय मूल्य की 50 प्रतिशत राशि अथवा अधिकतम एक लाख रुपये का अनुदान राज्य सरकार देगी। 5 वाहनों में 3 वाहन अनुसूचित जाति जनजाति तथा 2 वाहन अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिया जाएगा।
यह भी पढ़ेंः हम काम में यकीन करते हैं, ताकि हर वर्ग का विकास होः नीतीश
कुशल युवा कार्यक्रम के तहत 15-20 वर्ष के युवाओं को भाषा (हिंदी/अंग्रेजी) एवं संवाद कौशल, बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान एवं व्यवहार कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है। मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना करीब एक दशक पहले शुरू हुई थी। पिछले दस साल में पिछड़े वर्ग के लाखों लड़के और लड़कियों ने इस योजना का लाभ उठाया है। हर साल राज्य सरकार की ओर से योजना के लिए स्वीकृत राशि जिलों को भेज दी जाती है। बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा यह योजना चलाई जाती है। छात्रवृत्ति की रकम विद्यार्थी के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी जाती है।
यह भी पढ़ेंः बिहार के अतीत को संजोने के लिए अभी और बनेंगे संग्रहालय