- देवेंद्र मिश्र
पटना। कांग्रेस को बाय बोल बागी बन गये पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया। आज उन्होंने वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे मधुबनी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर पार्टी को सांसत में डाल ही दिया। बिहार कांग्रेस के एक प्रवक्ता विनोद शर्मा दो दिन पहले ही पार्टी को बाय बोल बीजेपी में शामिल हो गए। हाल के कुछ अन्य घटनाक्रम को इसके साथ जोड़ कर देखा जाये तो स्पष्ट है कि बिहार के महागठबंधन में बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रस को बिहार में तगड़ा झटका लगा ही है।
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मधुबनी से दो बार सांसद रहे इस अनुभवी मुस्लिम चेहरे के बगावती तेवर से कांग्रेस को इस इलाके में ही नहीं, दूसरे क्षेत्रों में भी खासा घाटा होने अंदेशे से इंकार नहीं किया जा सकता। शकील अहमद ने एक ट्वीट कर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता पद से इस्तीफा देने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजने जा रहे हैं। वह कल मंगलवार मधुबनी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करेंगे। उनकी अपनी मधुबनी सीट गठबंधन की भेंट चढ़ गयी और अब इस पर मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी ने आरजेडी के पूर्व नेता बद्रीनाथ पूर्वे के उम्मीदवार बनाया है।
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इससे पहले अहमद ने कहा था कि उन्होंने अपनी पार्टी से समर्थन मांगा है और समर्थन न मिलने की स्थिति में उनका निर्दलीय लड़ना तय है। शकील अहमद ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे सुपौल में कांग्रेस उम्मीदवार रंजीत रंजन के विरुद्ध राजद समर्थक उम्मीदवार मैदान में हैं, ठीक उसी तरह मधुबनी में भी उन्हें कांग्रेस का समर्थन मिलना चाहिए। उन्होंने पूछा कि अगर सुपौल में ऐसा हो सकता है तो मधुबनी में क्यों नहीं?
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शकील साहब का कहना है कि महागठबंधन प्रत्याशी मधुबनी में भाजपा के खिलाफ जीतने की ताकत नहीं रखता है। मधुबनी से मौजूदा भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव मैदान में हैं। सांसद के तौर पर अपनी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत हो चुके हुकुमदेव पद्म भूषण भी प्राप्त कर चुके हैं। पाँच बार सांसद रह चुके यादव 2 बार शकील अहमद से हार भी चुके हैं। 1999 आम चुनाव में उन्होंने शकील अहमद को हराया भी था। इलाक़े में दोनों के बीच हमेशा कांटे की टक्कर रहती है। वहीं अशोक यादव भी विधायक रह चुके हैं। शकील द्वारा नामांकन भरने से यहां मुक़ाबला त्रिकोणीय हो जाएगा। हुकुमदेव यादव ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है, हालांकि बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम है।
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शकील अहमद यूपीए के पहले कार्यकाल के दौरान संचार, आईटी और गृह सहित कई अहम मंत्रालयों में केन्द्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी महासचिव के तौर उनको 2011 में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और स्थानीय नेता उनके साथ हैं, जिससे उन्हें मधुबनी में भाजपा को हराने में मदद मिलेगी। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में भी वह पार्टी के प्रभारी रह चुके हैं। महागठबंधन खासकर राजद के नेता तेज प्रताप यादव के बगावत के कारण पहले ही परेशान हैं।
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