लालू प्रसाद की तरह महाराष्ट्र में दागी मंत्री को बचा रहे शरद पवार

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कोविड संकट को ध्यान में रखते हुए निजी व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान अपने कर्मियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा का लाभ दिलाने की पहल करें।
कोविड संकट को ध्यान में रखते हुए निजी व्यावसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान अपने कर्मियों को पीएम जीवन ज्योति बीमा का लाभ दिलाने की पहल करें।

पटना। लालू प्रसाद की तरह ही महाराष्ट्र में दागी मंत्री को बचाने में एनसीपी नेता शरद पवार लग गये हैं। वैसे महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन की सरकार ही बनी है। यह बात राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कही। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल एनसीपी कोटे के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर जब उसी सरकार के तहत काम करने वाले पुलिस कमिश्नर ने 100 करोड़ रुपये  की नाजायज वसूली के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है, तब संबंधित मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए था। इसके विपरीत महा अघाडी सरकार के सूत्रधार शरद पवार दागी मंत्री का बचाव कर रहे हैं और कांग्रेस मूक दर्शक बनी है।

मोदी ने कहा कि  2017 में बिहार की महागठबंधन सरकार के समय तत्कालीन मंत्री तेजस्वी यादव के मॉल-मिट्टी-जमीन घोटाले में आरोपित होने और इस्तीफा न देने से वैसी ही परिस्थति बनी थी, जैसी आज महाराष्ट्र में अनिल देशमुख के चलते पैदा हुई है। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार का इस्तीफा सौंप कर मिसाल कायम की थी।

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बिहार की महागठबंधन सरकार में दागी मंत्री के इस्तीफा की मांग ठुकरा कर जो हठधर्मी राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने दिखायी थी, वही रुख एनसीपी प्रुमख शरद पवार अपना रहे हैं। उद्धव ठाकरे को यदि बाला साहब ठाकरे की प्रतिष्ठा का जरा भी ख्याल हो और वे शिवसेना को संपूर्ण कांग्रेसीकरण से बचाना चाहते हों, तो उन्हें नीतीश कुमार की तरह तुरंत अपनी सरकार का इस्तीफा देना चाहिए।

बिक्रमशिला सेतु के समानान्तर नए 4 लेन सेतु

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल के जवाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने सोमवार को बताया कि भागलपुर के पास बिक्रमशिला सेतु के समानांतर गंगा पर नए 4 लेन सेतु के निर्माण के लिए 1110.23 करोड़ रुपये की भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है। मालूम हो कि भागलपुर के निकट गंगा नदी पर 2001 में प्रारंभ हुए बिक्रमशिला सेतु (4,700 मीटर लम्बी) पर यातायात के अत्यधिक दबाव के मद्देनजर उसके समानान्तर 4 लेन नए पुल की स्वीकृति दी गई है।

मंत्री ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 53.035 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है जिनमें 40.715 एकड़ भूमि निजी है। निर्माण के लिए वित्तीय निविदा प्राप्त हो चुकी है और अनुबंध संविदा की शर्तों के अनुसार वन विभाग,अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, वन्यजीव बोर्ड और अन्य प्राधिकारियों से आवश्यक मंजूरी के बाद शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

एनडीए सरकार आने के बाद बिहार में गंगा नदी पर नया बनने वाला यह तीसरा पुल होगा। इसके पहले मात्र दो मोकामा राजेन्द्र सेतु और पटना में महात्मा गांधी सेतु का निर्माण ही गंगा पर हुआ था। फिलवक्त जहां 1700 करोड़ की लागत से महात्मा गांधी सेतु के पुनरोद्धार का कार्य चल रहा है, वहीं उसके समानान्तर एक नया पुल के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। पटना में गंगा पर नवनिर्मित दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल चालू किया जा चुका है। इसके साथ ही सेमरिया (मोकामा) में गंगा पर बने पुल का भी जीर्णोद्धार हो रहा है।

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