सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार : दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे

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सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार। यानी दो हंसों का जोड़ा। सुशील मोदी और नीतीश कुमार आज बिछड़ गये। दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे।
सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार। यानी दो हंसों का जोड़ा। सुशील मोदी और नीतीश कुमार आज बिछड़ गये। दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे।

पटना। सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार। यानी दो हंसों का जोड़ा। सुशील मोदी और नीतीश कुमार आज बिछड़ गये। दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे। डेढ़ दशक से नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी बिछड़ गई है। सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा का पर्चा दाखिल किया। मौके पर नीतीश कुमार समेत एनडीए के कई नेता मौजूद थे। इस मौके पर नीतीश के दिल का दर्ज भी छलक आया। उन्होंने कहा कि हम लोग तो चाहते थे कि साथ ही आगे भी काम करें, पर हर दल की अपनी नीति होती है। उन्होंने शुभकामना दी और कहा कि केंद्र में जाकर सुशील मोदी देश की सेवा करें।

विपक्ष की ओर से अभी तक किसी ने नामांकन नहीं किया है। आंकड़े विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में नहीं हैं। अगर कोई निर्दल या विपक्षी उम्मीदवार नामांकन नहीं करता है तो 7 दिसंबर को सुशील कुमार मोदी निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे। अगर विपक्ष का उम्मीदवार होता भी है, तब भी आंकड़े उसके अनुकूल नहीं हैं।

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डेढ़ दशक से नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी बिछड़ गई है। सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा का पर्चा दाखिल किया। मौके पर नीतीश कुमार समेत एनडीए के कई नेता मौजूद थे।
डेढ़ दशक से नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी बिछड़ गई है। सुशील कुमार मोदी ने आज राज्यसभा का पर्चा दाखिल किया। मौके पर नीतीश कुमार समेत एनडीए के कई नेता मौजूद थे।

राज्यसभा की सीट एलजेपी के फाउंडर रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई है। पहले यह माना जा रहा था कि इस सीट पर रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को उतारा जा सकता है, लेकिन एलजेपी ने खुद इसकी दावेदारी नहीं की। एलजेपी के प्रमुख और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस सीट पर उनका दावा नहीं बनता। बीजेपी की सीट है, वह चाहे जिसे दे।

आरजेडी की ओर से चिराग पासवान के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था कि वे अपनी मां को अगर उम्मीदवार बनाते हैं तो महागठबंधन के लोग उनका साथ देंगे। जब सुशील कुमार मोदी के नाम की घोषणा बीजेपी ने कर दी तो चिराग पासवान ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी की ही यह सीट है। उनके इनकार के बाद विपक्ष में इस बात को लेकर मंथन शुरू हुआ कि स्पीकर के चुनाव की तरह राज्यसभा के लिए उसे अपना भी उम्मीदवार उतारना चाहिए। इस क्रम में जो नाम चर्चा में आए हैं, उनमें केवटी से चुनाव हार गए आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और आरजेडी में दलित चेहरा के तौर पर शुमार श्याम रजक का नाम है। लेकिन किसी एक नाम पर अभी तक सहमति बनी है या नहीं, इस बारे में आरजेडी या महागठबंधन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है।

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विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने उप मुख्यमंत्री के रूप में जब दो नये नामों की घोषणा कर दी थी, तभी से यह कयास लगाया जा रहा था कि उन्हें बीजेपी केंद्र में ले जाना चाहती है। इसके लिए रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुई सीट उनके लिए उपयुक्त होगी। जानकार मानते हैं कि सुशील कुमार मोदी को केंद्र में लाकर मंत्री बनाया जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में अच्छे मंत्रियों की कमी महसूस की जा रही है। सुशील कुमार मोदी केंद्र में जाते हैं तो उन्हें वित्त मंत्रालय या फिर रेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है। बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले या उसके ठीक बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकती है और कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।

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