रांची। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड को नंबर-1 राज्य बनाना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया अभी झारखंड चौथे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा- हमारा लक्ष्य है, पहला स्थान पाना। लेकिन यह केवल कागजों पर ही न रहे। वास्तविकता में भी लोगों को इसका अनुभव होना चाहिए। ऐसी व्यवस्था बनायी गयी है कि लोगों को विभागों के चक्कर न काटने पड़ें। इस मामले में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। जिन विभागों में अभी काम ऑफ लाइन हो रहा है, वे इसे जल्द से जल्द ऑनलाइन करायें। अधिकारी अफसरशाही छोड़ें। हम जनता के सेवक हैं, इस भावना के साथ काम करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग, फीडबैक बेस्ड बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान” से संबंधित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी काम को उलझायें नहीं। समस्या नहीं, समाधान पर जोर दें। पूराने ढर्रे पर न चलते हुए नये भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। व्यापारी-उद्यमी हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। वे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं। राज्य में रोजगार पैदा होने से पलायन जैसा कलंक झारखंड से मिटेगा। यही हमारी सरकार का पहला लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों एवं उद्योगपतियों को शुरुआत से ही प्रत्येक स्तर पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबों को यह भी प्रयास करना है कि सरकारी मशीनरी और निवेशक मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाएं। अपने देश को विश्व में इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए टॉप फिफ्टी में लाकर एक अच्छा उदाहरण बनकर झारखंड को आगे ले जाएं।
उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल से भी कम समय में हमारी नीतियों से प्रेरित होकर राज्य में टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग इत्यादि कई उद्योग स्थापित हुए हैं। पिछले 2 से 3 वर्ष के बीच राज्य में करोड़ों का निवेश हुआ है, जिससे रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। वर्ष 2016 से अब तक जियाडा ने 430 उद्योगों को भूमि उपलब्ध करायी है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से 60,778 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की धरती को प्राकृतिक की असीम अनुकंपा प्राप्त है। देश की 40% प्राकृतिक संसाधन हमारे यहां उपलब्ध है। निवेशक अपने मेहनत से इन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर राज्य को विकसित श्रेणी में खड़ा करने में लगे हुए हैं। इससे न सिर्फ उनका लाभ है, बल्कि पूरे राज्यवासियों के हित के लिए यह एक बेहतर प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योग का स्थापना होगा, तभी राज्य से गरीबी पूर्ण रूप से दूर होगी और पलायन भी रुकेगा। सरकार यह चाहती है कि राज्य में ही लोगों को रोजगार मिले और यहां के युवक-युवतियों को दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत न पड़े। छोटी-छोटी नौकरियों के लिए राज्य से बच्चियां पलायन कर जाती हैं। दूसरे राज्यों में बच्चियों का मानसिक और शारीरिक शोषण होता है जो मेरे दिल में काफी ठेस पहुंचाती है। राज्य की गरीब बच्चियों को हर हाल में रोजगार देकर सम्मान की जिंदगी जीने का हक देना हम सभी का मूल कर्तव्य होना चाहिए।
श्री दास ने कहा कि इस बार राज्य की रैंकिंग के लिए भी उद्योगों के आधार पर पूछा जाएगा कि कितनी सरलता से आपने निवेशकों को लाइसेंस या अनापत्ति दिया है। राज्य के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पोर्टल पर सही और उचित जानकारी उपलब्ध है या नहीं। जितने नंबर उद्योग आपको देगा, राज्य को भी इसी आधार पर अंक प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि यह तो स्वाभाविक है कि राज्य के नियमों के अनुसार ही आप अनुमति प्रदान करते होंगे। अब यह कार्य अच्छे तरीके से सुगमता और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर करने की जरूरत है। इस बार इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि रैंकिंग सिर्फ उद्योग के फीडबैक पर ही आधारित होगी। गत वर्ष में सरकार के नीतिगत सुधार और ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से मिले अधिक अंक रैंकिंग के तरीकों में बदलाव के कारण सब कुछ इस पर निर्भर करेगी कि आप लोग उद्योग लगाने के लिए कितनी सुगमता से जरूरी लाइसेंस या अनापत्ति प्रदान करने में सक्षम हो पाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मकसद है कि निवेशकों को एक ही खिड़की पर सारी सुविधाएं उपलब्ध करें। विभागों की सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध करना, ऑनलाइन फीस जमा करना, तय समय सीमा के भीतर सेवाएं देना, उद्योगों से संबंधित मामलों का निस्तारण करने के लिए अलग से वाणिज्यकीय विवाद न्यायालय का गठन, श्रम कानूनों को सरल बनाना, पर्यावरण क्लीयरेंस आदि तमाम सुविधाओं पर विश्व बैंक सर्वे करेगा और उसी आधार पर रैंकिंग दिया जाएगा। आप सभी इन सारी प्रक्रियाओं को चुस्त और दुरुस्त करें, ताकि आने वाले वर्ष में हमारा राज्य इज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश का अग्रणी राज्य बन सके।
यह भी पढ़ेंः किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने उठाया एक और कदम
यह भी पढ़ेंः बिहार में लू ने ली 100 जानें, कुदरत का कहर जारी
यह भी पढ़ेंः मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों का बचाव अब राम भरोसे