- वीर विनोद छाबड़ा
वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम इंडिया का एलान कर दिया गया है। चार शुद्ध बल्लेबाज़ हैं- विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन और केएल राहुल। चार आल राउंडर हैं- केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा और विजय शंकर। स्पिनर- कुलदीप यादव और यजुर्वेन्द्र चहल। मीडियम पेसर- मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार। विकेट कीपर कम बैट्समैन- महेंद्र सिंह धोनी और दिनेश कार्तिक।
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यों युवा ऋषभ पंत का न चुना जाना हैरान करता है। वो गेम चेंजर साबित हो सकते थे। उन्हें शायद इसलिए ड्राप किया गया है कि वो अभी 21 साल के हैं और उनके पास काफी समय भी है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध लिमिटेड ओवर क्रिकेट में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं किया, न विकेट के पीछे और न विकेट के सामने। और चूँकि वर्ल्ड कप बहुत बड़ा टूर्नामेंट है, उसके लिए जिस टेम्परामेंट की जरूरत है, वो उनमें नहीं। ये मेरा विचार नहीं है, चयनकर्ताओं का है, जिसे मैं पढ़ने की कोशिश कर रहा हूँ।
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मेरे विचार से टीम में सबसे भरोसेमंद विराट के अलावा रोहित शर्मा हैं। इसके बाद पुराने चावल एमएस धोनी हैं। कई मित्र सोचते होंगे कि लिमिटेड ओवर क्रिकेट ‘फटाफट’ गेम है, जिसमें युवा जोश और भूख की ज्यादा जरूरत है। मैं भी कहूंगा कि धोनी में युवा जैसा जोश नहीं और न ही भूख है, लेकिन उनमें होश भरपूर है। जब सामने धड़ाधड़ विकेट गिर रहे हों तो सिर्फ धोनी ही हैं, जो दूसरा एन्ड सील करके खड़े रह सकने की क्षमता रखते हैं। ग्रेट फिनिशर तो वो हैं ही। खतरा सिर्फ नाजुक क्षणों में जरूरत से ज्यादा स्लो हो जाने का है। ये तो तय है कि धोनी हर मैच नहीं खेलेंगे। उनके बदले दिनेश कार्तिक का अनुभव काफी उपयोगी सिद्ध होगा।
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जसप्रीत बुमराह, शमी और भुवी से बेहतर कोई चॉइस नहीं थी। बाकी सब ठीक ही हैं, चाहे जड़ेजा हों या विजय शंकर या हार्दिक पांड्या। हर खिलाड़ी की अपनी मजबूती है और कमजोरी भी। कब किसकी फॉर्म धोखा दे जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ये सब खेल का हिस्सा है। लेकिन चैंपियन वही होता है जो ‘टाइम’ पर परफॉर्म करे।
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मुझे 1983 का वर्ल्ड कप याद है, मेरी उम्र के कई मित्रों को भी याद होगा। मदन लाल, रॉजर बिन्नी, रवि शास्त्री, कीर्ति आज़ाद, यशपाल शर्मा और मोहिंदर अमरनाथ जैसे खिलाडियों, जिन पर कोई भरोसा नहीं करता था और जिनका ओडीआई में कोई बड़ा अनुभव भी नहीं था, ने भारत को चैंपियन बनाया था। सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और संदीप पाटिल जैसे धुरंधर बल्लेबाज़ फेल हो गए थे। वैसे मुझे उम्मीद है कि 2019 का वर्ल्ड कप आल राउंडर ही जिताएंगे। गुडलुक टीम इंडिया।
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