- राणा अमरेश सिंह
पटना। तेज प्रताप को छोटे भाई तेजस्वी ने हड़काया। मां राबड़ी देवी ने फटकारा। उल-जूलूल हरकतों-बयानों से बाज आने की कड़ी चेतावनी दी। आज्ञाकारी बच्चे की तरह तेज प्रताप सुनते रहे और इस वादे के साथ तेजस्वी को आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया कि आगे से कोई बखेड़ा खड़ा नहीं करेंगे। राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के उल-जलूल बयानों से पार्टी के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्त्ता समेत लालू-राबड़ी परिवार भी परेशान है। अब तक हुए डैमेज को कंट्रोल करने के लिए शनिवार को राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप यादव के साथ अपने सरकारी आवास में बैठक की। समझा जाता है तेजस्वी यादव ने अपने भाई तेज प्रताप यादव को पार्टी विरोधी बयान देने से गुरेज करने का परामर्श दिया। गुरुवार को राबड़ी देवी ने भी तेजप्रताप को फोन पर डांट पिलाई थी और उन्हें बयानबाजी से परहेज करने की नसीहत दी थी।
तेज प्रताप के बेतुके बयानों से पार्टी के नेताओं के साथ उनकी हरकतों से परिवार के लोग भी परेशान हैं। मामला तब बिगड़ा, जब तेज ने अपने दरबार में पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से अपनी बहन मीसी भारती को उम्मीदवार बनाने की बात कह दी। पाटलिपुत्र क्षेत्र से 2015 में मीसा भारती को राजद ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें भाजपा के रामकृपाल यादव से हार मिली थी। इधर राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने पार्टी संगठन से इस सीट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। इसके लिए उन्होंने बाजाप्ता तैयारी भी शुरू कर दी थी। इसी बीच दो घटनाओं ने पाटलिपुत्र सीट पर विवाद की स्थिति पैदा की। मीसा भारती ने 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को लेकर पाटलिपुत्र क्षेत्र के लोगों को शुभकामनाओं के बैनर व पोस्टर लगवा दिये तो तेज प्रताप ने बयान दे डाला कि पाटलिपुत्र से मीसा भारती ही लोकसभा की उम्मीदवार होंगी।
मंगलवार को तेजप्रताप यादव ने अपनी बहन व राजद की राज्यसभा सदस्य मीसा भारती की दावेदारी पर मुहर लगाते हुए भाई बीरेंद्र को भला-बुरा तक कह दिया था। हालांकि नाखुशी के बावजूद भाई बीरेंद्र ने तेज प्रताप यादव की बातों को तरजीह नहीं दी और उन्होंने पार्टी व लालू यादव के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी।
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बीते साल नवंबर में पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की मांग करने संबंधी अपील कोर्ट में दायर करने बाद से तेज प्रताप वृंदावन व मथुरा में डेढ़ माह तक घूमते रहे। वे छोटे भाई तेजस्वी यादव के जन्मदिन के मौके पर भी घर नहीं लौटे। दीपावली के बाद तेज प्रताप यादव पटना लौटे जरूर, किंतु घर नहीं गए। इधर दो हफ्ते से तेज प्रताप पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगा कर खूब सुर्खिया बटोर रहे थे। दरबार में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को अपशब्दों से भी नवाज दिया। इससे पार्टी के बाहर गलत मैसेज जाने व गुटबाजी होने की संभावनाएं व्यक्त की जाने लगी थीं। सूत्रों ने बताया कि तेजस्वी यादव ने भाई तेजप्रताप यादव को लोक सभा 2019 चुनाव तक मुंह बंद रखने की सलाह दी है।
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