बिहार का आतंकवादी कनेक्शन, कहीं सेफ जोन तो नहीं समझते 

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आतंकवाद का प्रतीकात्मक फोटो
आतंकवाद का प्रतीकात्मक फोटो
  • देवेंद्र मिश्र

पटना। बिहार का आतंकी कनेकश्न को नयी बात नहीं है। गया में वे अपनी दबिश दिखा चुके हैं तो पटना में नरेंद्र मोदी की सभा में भी उपस्थिति का एहसास करा चुके हैं। खबर है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के शूटर मोस्टवांटेड गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला को पटना पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस ने पटना एयरपोर्ट के पास जक्कनपुर थानाक्षेत्र से बुधवार को गिरफ़्तार किया। उसके साथ दो अन्य लोग भी गिरफ़्तार किए गए हैं। उसके ख़िलाफ़ मुंबई में कुल 27 मामले दर्ज हैं। बताया जाता है की एजाज नेपाल के रास्ते पटना पहुँचा था और तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा।

इन सब में ग़ौर करने वाली बात यह है कि भगोड़ा लकडावाला आख़िर पटना में क्या कर रहा था। इससे पहले भी बिहार में कई अपराधियों और आतंकवादियों की गिरफ़्तारियाँ हो चुकी हैं। वर्ष 2000 के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनके तार बिहार से जुड़े नज़र आए।

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वर्ष 2000 में  सीतामढ़ी ज़िले से आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मक़बूल और जहीर को गिरफ़्तार किया गया था। वर्ष 2006 में मधुबनी ज़िले के बासोपट्टी बाज़ार से मोहम्मद कमाल को मुंबई के लोकल ट्रेन धमाके में उसकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में CRPF कैंप पर हुए हमले मामले में मधुबनी ज़िले के सकरी के गँधवारी गाँव से सबाऊद्दीन को गिरफ़्ताार किया गया था।

वर्ष 2009-10 में दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में मधुबनी के बासोपट्टी के बलकटवा से मदनी को गिरफ़्तार किया गया था। वर्ष 2011 में नवंबर की 26 तारीख़ को दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफज़ल व गुल अहमद जमाली को गिरफ़्तार किया गया था। वर्ष 2011 में ही दरभंगा ज़िले के केवटी अंतर्गत बाढ़ समैला के कतील सिद्दिकी उर्फ़ साजन को 19 नवंबर को दिल्ली में गिरफ़्तार किया गया था।

वर्ष 2012 में 21 फरवरी को साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बारे में यह पता चला था कि वो इंडियन मुज़ाहिदीन का मेंटर था। वर्ष 2013 में 21 जनवरी को दरभंगा के चकजोहरा मोहल्ला से मोहम्मद दानिश अंसारी गिरफ़्तार किया गया। उस पर आतंकी साजिश रचने का आरोप था। वह इंडियन मुज़ाहिदीन के सरगना यासीन भटकल के गुर्गों में था।

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2013 में अगस्त के महीने में इंडियन मुज़ाहिद्दीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ़ हट्टी को बिहार के पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल की सीमा से गिरफ़्तार किया गया।

वर्ष 2019 में अगस्त के महीने में गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुज़ाहिद्दीन के एक सदस्य को गिरफ़्तार किया गया था। वह पश्चिम बंगाल के वर्दमान विस्फ़ोट का आरोपित था। इतनी गिरफ़्तारियों से यह सवाल स्वाभाविक है कि आतंकियों के लिए बिहार सेफ़-ज़ोन तो नहीं बनता जा रहा?

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