वैशाली में बेलगाम क्रिमिनल, हफ्तेभर में तीसरी हत्या

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एनकाउंटर में कल कोलकाता के न्यू टाउन में मारे गये दो बदमाशों का आतंकी कनेक्शन उजागर हुआ है। बरामद बैग पर पाकिस्तान का पता लिखा है।
एनकाउंटर में कल कोलकाता के न्यू टाउन में मारे गये दो बदमाशों का आतंकी कनेक्शन उजागर हुआ है। बरामद बैग पर पाकिस्तान का पता लिखा है।

डीजीपी का आदेश भी हवा हवाई, नहीं बदल रही पुलिस की कार्यशैली

हाजीपुर। वैशाली जिले में बेलगाम अपराधियों ने अपने दुस्साहस का परिचय देते हुए 28 दिसंबर की देर रात जंदाहा में पूर्व सरपंच की गोली मार कर हत्या कर दी। अपराधियों ने डीह बिजौली गांव में पूर्व सरपंच ऋषिकेश कुमार के घर पर चढ़ाई कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई, जिससे ऋषिकेश कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और कई परिजन घायल हो गये। बीते 20 दिसंबर को पटना निवासी गुंजन खेमका की हत्या हुई थी तो 25 दिसम्बर की रात पटना के ट्रांसपोर्टर वैशाली निवासी दीनानाथ की हाजीपुर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी।घटना को अंजाम देकर अपराधी आराम से चले गए। वैशाली जिले में एक सप्ताह के अंदर यह तीसरी हत्या है।

पुलिस का उसके बाद रटा रटाया बयान आना शुरू हुआ कि अपराधी जल्दी पकड़े जाएंगे। सच्चाई यह है कि पुलिस का खौफ लगभग समाप्त है। पुलिस की कार्यशैली पर लगातार प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। वैशाली जिले में एक हत्याकांड की गुत्थी सुलझती नहीं कि दूसरी हत्या हो जाती है। बीते 20 दिसंबर को पटना निवासी गुंजन खेमका की हत्या हुई थी तो 25 दिसम्बर की रात पटना के ट्रांसपोर्टर वैशाली निवासी दीनानाथ की हाजीपुर में गोली मार कर हत्या कर दी गयी। दोनों हत्याकांड में वैशाली पुलिस तफ्तीश के नाम पर ही चलती रही, लेकिन जाँच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है।

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गुंजन खेमका हत्याकांड में सातवें दिन बिहार पुलिस के DGP हाजीपुर स्थित गुंजन की फैक्ट्री का मुआयना करने पहुंचे थे। रात में वैशाली के जंदाहा थानाक्षेत्र में पूर्व सरपंच की हत्या हो गयी। DGP ने अपने ही महकमे की कमी कबूल करते हुए एक पत्र बिहार के सभी पुलिस कप्तान के नाम जारी कर निर्देश दिया है कि थाना क्षेत्रों में रात ही नहीं, दिन में भी पुलिस गश्त सही तरीके से नहीं होती है। डीजीपी को दोबारा यह इस आशय का पत्र भेजना पड़ा है।

वैशाली में पूर्व में भी हुए कई हत्याकांडों की गुत्थी पुलिस आज तक नहीं सुलझा पाई। गुत्थी सुलझाने के नाम पर खानापूर्ति भर होती रही है। चाहे वह मार्बल व्यवसायी सुशील सिंह हत्याकांड हो या फिर पूर्व वार्ड पार्षद संजीव कुमार सिन्हा की हत्या का मामला हो। वैशाली पुलिस की कार्यशैली और कर्तव्य के प्रति जिम्मेवारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुंजन खेमका हत्याकांड के एक दिन पूर्व औद्योगिक थाना क्षेत्र में ही आधा दर्जन नए-पुराने थाना प्रभारियों ने जश्न मनाया, जिनका पिछले दिनों अलग-अलग कारणों से ट्रांसफर-पदस्थापन हुआ था। ट्रांसफर-पोस्टिंग के जश्न की खुमारी अभी उतरी भी नहीं थी कि औद्योगिक थाना क्षेत्र में ही थाने के समीप सुप्रसिद्ध व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या दिनदहाड़े हो गयी। पुलिस को उसकी भनक तक नहीं लगी। हालांकि पासवान चौक पर ही पिछले दिनों लाखों रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरा लगाया गया।

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दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देकर अपराधी आराम से फरार हो गये। वही 25 दिसंबर की रात पटना के ट्रांसपोर्ट दीनानाथ राय की हत्या कर अपराधी उसके शव को सर्किट हाउस के निकट फेंक कर निकल भागे। सदर थाना और औद्योगिक थाना की गाड़ी रामाशीष चौक और पासवान चौक के बीच लगातार घूमती रहती है, लेकिन पुलिस को न तो हत्यारों के बारे में कुछ जानकारी मिल पाई और न घटना को अंजाम देते अपराधी पर पुलिस की नजर ही पड़ी। एक सप्ताह में तीन हत्याओं के बाद आम लोगों में दहशत व्याप्त है। वैशाली के एसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों अवश्य दावा कर रहे हैं कि पुलिस जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लेगी, लेकिन जब तक पुलिस की कार्यशैली में सुधार नहीं होता, तब तक आम लोगों का विश्वास पुलिस पर कायम नहीं हो पाएगा और अपराधियों का मनोबल सर चढ़ कर बोलता रहेगा।

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