मलिकाइन पाती में लिखले बाड़ी- बांझ का जाने परसौती के पीड़ा

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मलिकाइन के पाती
मलिकाइन के पाती

मलिकाइन आज अपना पाती में लिखले बाड़ी- बांझ का जाने परसौती के पीड़ा। पूरा पाती पढ़ला पर एकर माने-मतलब हम समझ पवनी हां। उनका खींस काहें बरल बा, ई जानीं। पाती में हाले राजस्थान में लड़कन के असमय मरला के बात के कहाउत के जरिये ऊ कइसे बयान कइले बाड़ी, अपने सभे खुदे पढ़ के जान लींः

पांव लागी मलिकार। भोरे-भोरे आज अइसन खबर सुने के मिलल हा मलिकार कि मन खराब हो गइल बा। सुने में आवत बा कि राजस्थान में सैकड़न बच्चा मर गइले सन। अस्पताल में ओकनी के बचावे खातिर पूरा आ ठीक इंतजाम ना रहे। दुइए साल पहिले गोरखपुर में लाद-लाद के बच्चा कुल्ह के लाश अस्पताल से रोजे निकले। रउरा झारखंडो में अइसने सुने में आवत बा। साल भर में साढ़े छह सौ बच्चा बीमेरी से अस्पताल में मर गइले सन। एह साल बिहार में चमकी बोखार सैकड़न बच्चा के जान ले लिहलस। ओकरा पहिले जापानी बोखार के बतकही गोरखपुर में सुने के कई बेर मिलल रहे आ हर पांच-दस साल में कई हजार बच्चा एह बोखार से मर गइले सन।

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हमनी का टेक्स दीले सन, आपने खेत के मलगुजारी दीले सन। बाजार-हाट में बिकाये वाला सामान पर केतने तरह के टेक्स लागेला। किसिम-किसिम के टेक्स आदमी एही खातिर नू देला मलिकार कि एह पइसा से सरकार अस्पताल बनवाई, ओइमें इलाज के बढ़िया इंतजाम करी, जवना से केहू के जान ना जाव। बाकिर सुने में आवत बा कि राजस्थान के जवना अस्पताल में बचवन के जान गइल, ओइमें जांच-इलाज के कई गो मशीन रहबे ना कइल, कुछ रहबो कइल त ऊ खराब रहे। इहे भइल रहे गोरखपुर में। ओइजा हवा मशीन सप्लाई करे वाला के सरकार पइसा ना दिहलस त ऊ हवा मशीन (आक्सीजन सिलिंडर) देबे ना कइलस आ लइका दमघोंट के जान दे दिहले सन।

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ठीके कहल बा, बांझ का जाने परसौती के पीरा। नौ महीना जवन महतारी गरभ में बच्चा के ढोए ले, पोसे ले, ओकर पीरा दोसरा के का समझ में आई। केतने माई-बाप एह उमेद में बाल-बच्चा पैदा करेला आ पोसेला, पाले ला कि बुढ़ौती में ऊ सहारा बनिहें सन। लाठी बन के सहारा दीहें सन। ओह माई-बाप पर का गुजरल होई मलिकार, जवन बच्चा के बचावे खातिर केतना आस लेके अस्पताल गइल होई। हमरा त ईहे सोच-सोच के अबहीं ले भोंकार पार के रोए के मन करत बा। खींस त भाइयों-बहनों कहे वाला ओ दढ़िवलवो पर एतना बरल बा कि सामने लउक जास त उनकर दाढ़ी झोंकार दीं। ठीके कहल बा मलिकार कि खींस में कुछऊ समझ ना आवे ला। हमरो आज उहे हाल बा। जब से पांड़े बाबा के ई खबरिया पढ़ल सुनले बानी, देह में बाई ले लिहले बा। आज एतने मलिकार। मन तनी ठीक होई त बाकी लिखवाएब।

राउरे, मलिकाइन   

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