पटना में एफमी 2018 का तीन दिवसीय सम्मेलन 21 से

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  • 21 दिसम्बर को होटल मौर्या में शिक्षा पर कार्यशाला और टेक्निकल सेशन का आयोजन होगा जिसमें शिक्षाविद् और बड़े-बड़े लोग अपने विचार व्यक्त करेंगे
  • 22 एवं 23 दिसम्बर का सम्मेलन एस.के. मेमोरियल हाल में होगा, बिहार के तीन छात्रों समेत देश के 150 बोर्ड परीक्षा के टापर बच्चों को सम्मानित किया जायेगा
  • सम्मेलन में मुस्लिम बच्चे-बच्चियों के उत्थान के लिए रोडमैप भी तैयार किया जाएगा
  • देशभर के 5000 डेलीगेट, जबकि विदेश के 200 डेलीगेट शिरकत करेंगे

पटना बिहार के मुस्लिम बच्चे और बच्चियों की शिक्षा तथा उनके उत्थान के लिए पटना में 21 दिसम्बर से शुरू हो रहे तीन दिवसीय सम्मेलन की तैयारी में मुस्लिम समुदाय का हर तबका अपना योगदान देने के लिए दिन-रात काम कर रहा है, ताकि सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। इस सम्मेलन में मुस्लिम बच्चे-बच्चियों के उत्थान के लिए रोडमैप भी तैयार किया जायेगा।

पहले दिन 21 दिसम्बर को होटल मौर्या में होने वाले सम्मेलन में शिक्षा पर कार्यशाला तथा टेक्निकल सेशन का आयोजन होगा, जिसमें देश तथा बिहार के नामी शिक्षाविद और अधिकारी हिस्सा लेंगे। मुस्लिम बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के दौरान छात्रों के ड्राप आउट पर विशेष रूप से चर्चा की जायेगी। बच्चों के उत्थान पर अनुभवी शिक्षक अपने विचार व्यक्त करेंगे। सम्मेलन में बिहार के 15 स्कूलों के 1400 बच्चे-बच्चियां हिस्सा लेंगे, जबकि पूरे देश के अपने-अपने राज्य के शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले 300 छात्र-छात्राएं आयेंगे तथा उनके साथ उनके 300 परिजन भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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22 और 23 दिसम्बर का सम्मेलन पटना के एस.के. मेमोरियल में होगा। इस सम्मेलन का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय संस्था अमेरिकन फेडरेशन आफ मुस्लिम आफ इंडियन ओरिजन (एएफएमआई) के बैनर तले फोरम फार लिटरेसी अवेयरनेस एंड मुस्लिम एजुकेशन (फ्लेम) द्वारा किया जा रहा है।

सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष तथा बिहार के प्रसिद्ध सर्जन डा. ए.ए. हई ने यह जानकारी रविवार 16 दिसम्बर को लेमन ट्री प्रीमियर में हुई आयोजन समिति की बैठक के बाद दी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस सम्मेलन का फायदा बिहार के छात्र-छात्राओं को मिले तथा वे आगे चल कर देश की सेवा में अपना योगदान दे सकें। 22-23 के सम्मेलन में बिहार के एक हजार छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, जो सम्मेलन में हो रही चर्चाओं पर गौर कर आने वाली पीढ़ी के लिए एक नया संदेश दे सकें।

डा. हई ने कहा कि अभी मुस्लिम बच्चे-बच्चियों की प्रारंभिक शिक्षा में एक सबसे अहम बात यह है कि वे प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही पढ़ाई छोड़ (ड्राप आउट) देते हैं। इससे निजात दिलाने के उपायों पर सम्मेलन में विचार किया जायेगा। आयोजन समिति के उपाध्यक्ष शफी मसहदी ने कहा कि 26 साल के बाद पटना में हो रहे इस सम्मेलन को लेकर मुस्लिम समुदाय के बच्चे काफी उत्साहित हैं, ताकि वे इस सम्मेलन के अच्छे विचारों को समझ कर उस पर अमल कर सकें। छात्रों के अलावा उनके माता-पिता भी अपनी संतानों के उत्थान के लिए हो रहे सम्मेलन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

आयोजन समिति के सचिव खुर्शीद अहमद ने कहा कि 21 दिसम्बर को होटल मौर्या में होने वाली शिक्षा पर कार्यशाला और टेक्निकल सेशन को लेकर युवा वर्ग काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं, ताकि वे इस कार्यशाला से सीख लेकर अपने आपको आत्मनिर्भर बना सकें। इस सम्मेलन में पुणे के पी.ए. इनामदार, रिटायर्ड आईएएस अफजल अमानुल्लाह, मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित अंशुल गुप्ता, कोका-कोला के वाइस प्रेसीडेंट इश्तेयाक अमजद और जामिया हमदर्द के एस.एम. खान अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस दौरान सीवान की शेतिका सिंह, पूर्व आईपीएस जे.के. सिन्हा, अंशुल गुप्ता समेत छह लोगों को सम्मानित किया जायेगा।

श्री अहमद ने कहा कि 22 एवं 23 दिसम्बर को एएफएमआई के सम्मेलन में विदेश के 200 और देश के 5000 डेलीगेट हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में बिहार के तीन छात्रों समेत देश के 150 बोर्ड परीक्षा के टाॅपरों को सम्मानित किया जायेगा। इससे पहले पटना में 1996 में एएफएमआई का पांचवां सम्मेलन हुआ था जिसमें देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा भी आये थे। उन्होंने कहा कि इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। 21 दिसम्बर को इंद्रजीत गांगुली की गजल का कार्यक्रम है, जबकि 22 दिसम्बर को नयी दिल्ली के फेमस निजामी बंधुओं के कव्वाली तथा 23 को दस्तानगोई का कार्यक्रम है। इस बैठक में डा. शमशाद हुसैन, कसीम रजा, ओबेदुर रहमान, फैजान अहमद, अनबारूल होदा समेत आयोजन समिति के सभी सदस्य मौजूद थे।

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