पेंशन का इंतजार करती रही, अंत में चल बसी 120 वर्षीय वृद्धा

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समस्तीपुर। समस्तीपुर प्रखंड अन्तर्गत बेझा डी गाँव निवासी स्व० राम शोभित राय की पत्नी दौलतीया देवी (120)  चार वर्षों से बिना वृद्धा पेंशन लिये इस दुनिया से चल बसी। पेंशन नहीं मिलना इसकी किस्मत का दोष कहा जाये या फिर अधिकारियों की लापरवाही। बहरहाल इसके शव के साथ सब कुछ जल कर राख हो चुका है। बताते चलें कि दौलतीया देवी की उम्र 120 वर्ष थी। उसे लगभग चार वर्षों से वृद्धा पेंशन नही मिल रही थी। उसके पूर्व तक मिलती थी। एकाएक इसकी पेंशन को बंद कर दिया गया। इसकी जानकारी मिलने पर  डीडीसी वरुण कुमार मिश्रा ने खुद बीडीओ अंजन दत्त से संपर्क कर पेंशन दिलाने की पहल करने को कहा। बीडीओ श्री दत्त 5/9/18/ को उक्त महिला के पास पहुंचे।

वह अपनी झोपड़ी में टूटी-फूटी खाट पर पड़ी थी और उसका छोटा पुत्र हृदेश राय का परिवार उसकी सेवा कर रहा था। बगल में बकरी बंधी हुई थी। बीडीओ श्री दत्त ने दृश्य देखकर उसी समय स्थानीय ग्रामीण बैंक पहुंच कर वहां की मैनेजर कविता कुमारी से सम्पर्क कर सारी बात बतायी। ब्रांच मैनेजर ने भी उस समय वृद्धा पेंशन दिलाने की बात कही और गाँव के मुखिया को बुला कर कुछ कागज देने को कहा।

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सभी कागजी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद कुछ दिनों बाद मैनेजर कविता उक्त महिला के घर पहुंचीं, लेकिन पेंशन नहीं मिली। बीडीओ श्री दत्त की सारी मेहनत पर बैंक मैनेजर ने पानी फेर दिया। मालूम हो की उक्त महिला की उम्र अधिक हो जाने के कारण अंगूठे का निशान भी नही उगता था। इस कारण आधार कार्ड भी नहीं बन पाया, लेकिन इसके पास वोटर आईडी कार्ड बना हुआ था। महिला के छोटे पुत्र हृदेश राय ने बताया कि ब्लाक का चक्कर लगाते-लगाते थक गये, पर कहीं सुनवाई नहीं हुई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि कई ऐसे लोगों को वृद्धा पेंशन मिल रही है, जिन्हें जरूरत नही है, लेकिन इस 120 वर्षीय वृद्धा को नहीं मिली। बीडीओ श्री दत्त ने बताया था कि समस्तीपुर ब्लाक में 17 हजार 145 लोगों को वृद्धा पेंशन मिलनी है, जिसमें 186 लोग वंचित हैं। जब बैंक मैनेजर द्वारा पेंशन नहीं देने की बात बीडीओ श्री दत्त को बतायी गयी तो वे हैरान रह गये और वादा किया कि वह फिर से प्रयास करेंगे।

कैदी की आवाज चली गयी डाक्टर ने किया रेफर

समस्तीपुर कारा में एक कैदी की आवाज एकाएक चली जाने के कारण उसका खाना- पीना सब बंद हो गया है। उसकी स्थिति बिगड़ती देख जेल प्रशासन ने इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। सदर अस्पताल में इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है। कैदी मरीज की जाँच कर रहे डाक्टर नागमणि ने बताया कि  डाक्टरों का एक बोर्ड बना है। बोर्ड में डाक्टर हेमंत, डाक्टर पवन व डीएस ए.एन. शाही हैं। डाक्टरों ने कैदी मरीज को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया है।

मरीज का इलाज 19/12/18 से जेल के डाक्टर कर रहे थे। कैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने बताया कि स्व० अरुण यादव के पुत्र कैदी सौरव कुमार पुवाड़ी गाँव, वार्ड न०-09, जिला- मधुबनी के रहने वाला है। आरपीएफ ने कांड संख्या 8/18, धारा 3 आरपी (यूपी)1866  के तहत उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह कैदी लगभग एक माह से जेल में बंद है। पुलिस ने बताया कि जब यह कैदी कारा में आया था तो ठीकठाक रहते हुए बातचीत करता था।

विवाहिता की हत्या कर उसके 3 बच्चों को गायब करने का आरोप

वारिसनगर थाना क्षेत्र के धनहर गाँव में दहेज लोभी ससुरालवालों ने एक विवाहिता की हत्या कर लाश सहित उसके तीन बच्चों को भी गायब कर दिया है। मृतका के पिता हसनपुर थाना क्षेत्र के रजवा रामपुर निवासी खेलो साह ने वारिसनगर थाना में शनिवार को मामला दर्ज कराया है।

उन्होंने अपनी तहरीर में बताया है- मेरी बेटी की शादी 2014 में वारिसनगर थाना क्षेत्र के धनहर गाँव निवासी किसानो साह के पुत्र सुनील कुमार साह के साथ हुई थी। शादी के बाद दो लड़की और एक लड़के का जन्म हुआ। लेकिन शादी के बाद मेरे समधी किसानो साह और दामाद सुनील साह दोनों बाइक और  रुपये की मांग हमेशा करते आ रहे थे। जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मेरी बेटी झुनझुन देवी को मारते-पीटते रहते थे। 19/12/18 को एक ग्रामीण का फोन आया कि आपकी बेटी की हत्या ससुरालवालों ने कर दी है और लाश को गायब कर दिया है।

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समाचार सुनने के बाद मैं बेटी की ससुराल पहुंचा तो घर में ताला लगा हुआ था। न मेरी बेटी के बारे में कुछ पता चल पाया और न तीनों नाती-नतनी का ही। साथ ही दामाद और समधी भी गायब मिले।

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