पटना। अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव हार गये डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री अब बिहार में भी हो गयी है। तेजस्वी यादव पर तंज में ट्रंप का जिक्र आया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव का नाम लिये बगैर कहा है कि राजद के राजकुमार का यदि वश चलता तो लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर ट्रंप के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम को गलत ढंग से प्रभावित करने के लिए कांग्रेस-राजद ने मीडिया के एक वर्ग में एक्जिट पोल के नाम पर पहले महागठबंधन की जीत का परसेप्शन बनवाया, लेकिन जब वास्तविक परिणाम उनके मनोनुकूल नहीं आये और स्पष्ट बहुमत के साथ एनडीए की सरकार लौटी, तब सत्ता के जरिये बेनामी सम्पत्तियां बनाने वालों के इरादों पर पानी फिर गया।
मुख्य विपक्षी दल ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर लोकतंत्र में अपनी अनास्था ही प्रकट की थी। यदि उनका वश चलता, तो ईवीएम से “लालू का जिन्न” न निकलने पर वे लाठी में तेल पिलाने वाले अपने समर्थकों को उकसा कर अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव हार चुके ट्रंप के समान विधानमंडल भवन पर उत्पात मचा सकते थे।
उन्होंने कहा कि नया साल मनाकर बिहार लौटे राजद के राजकुमार को न जनादेश पर विश्वास है, न चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर। वे विपक्ष में बैठने को तैयार नहीं, इसलिए बार-बार मध्यावधि चुनाव का हौव्वा खडा कर रहे हैं। वे अपने दुराग्रहपूर्ण अनुमान से ज्यादा सीट पाने वाले दल की उपलब्धि को “चुनाव आयोग की कृपा” बता कर एक संवैधानिक संस्था की छवि बिगाड़ रहे हैं।
मोदी ने कहा कि जब लालू प्रसाद विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में जोड-तोड नहीं करा पाये और नीतीश कुमार को पैकेज आफर देने की चाल भी विफल हो गई, तब पार्टी ने जदयू से दोस्ती की गुंजाइश खत्म करने का एलान ऐसे किया, मानो अंगूर खट्टे हैं। महागठबंधन को दूसरों को तोडने के बजाय अपना घर बचाने की चिंता करनी चाहिए।
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