मान गये केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, नहीं छोड़ेंगे एनडीए का साथ

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पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री लोकसभा में सीटों के तालमेल पर भाजपा से सहमत हो गये हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुलाकात में कुशवाहा ने अपने दिल की भंड़ास निकाली। उन्हें इस बात का मलाल था कि सीटों के बंटवारे में उनकी उपेक्षा की जा रही है।

प्रधान के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि वे लोकसभा चुनाव के वक्त से ही भाजपा के साथ रहे हैं। उन्होंने अपने को बाद में साथ आये नीतीश कुमार से ज्यादा वफादार बताया। उनका तर्क था कि 2014 के लोकसभा और 2015 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने एनडीए का साथ दिया। नीतीश कुमार दोनों चुनाव में भाजपा के गच्चा दे गये। उनके उन दिनों के पुराने भाषण गवाह हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाने के लिए उन्होंने किस तरह के आचरण किये। फिर भी भाजपा नीतीश को ज्यादा तरजीह दे रही है।

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उन्होंने 3 सीटों से ही संतोष करने का मन बना लिया है। 2 सीटें तो उनकी पार्टी के नाम पक्की थीं, एक और सीट मिलने का आश्वासन उन्होंने स्वीकार कर लिया है। हां, यह अलग बात है कि तीसरी सीट बिहार में ही होगी या झारखंड में, यह अमित शाह तय करेंगे।

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भाजपा एक साथ बिहार के तीनों घटक दलों- जदयू, रालोसपा और लोजपा को सधने की कोशिश कर रही है। राम विलास पासवान एनडीए में दलित चेहरा होंगे तो उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार लव-कुश समाज के। भाजपा के पिछले लोकसभा चुनाव में भले ही 40 में 22 सीटें ही मिली थीं, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 40-41 था। वह अपने इसी वोट प्रतिशत को आधार बना कर अपनी जीती सीटों से कोई समझौता नहीं करना चाहती है।

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