बिहार में सुनवाई के लिए अब कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा बंदियों को

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126 करोड़ की लागत से सभी जेल, कोर्ट और हाईकोर्ट में होगी वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधाः मोदी

पटना। अधिवेशन भवन में ऑनलाइन जेम पोर्टल से सामग्रियों की खरीद में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत करने के बाद सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 126 करोड़ की लागत से राज्य की सभी 58 जेल, 62 कोर्ट और पटना हाईकोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा से जोड़ने की योजना स्वीकृत की गई है। योजना पूरी हो जाने के बाद अभियुक्तों को ट्रायल व गवाही के लिए कोर्ट आने की जरूरत नहीं होगी। इससे समय की बचत होगी और सुरक्षा की गारंटी भी रहेगी।

‘सहज तकनीक योजना’ के तहत एक पोर्टल पर विभिन्न विभागों की 74 योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी। कोई भी व्यक्ति वहां योजनाओं से संबंधित अपनी पात्रता देख कर वहीं पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेगा। यह पोर्टल सिंगल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के तौर पर कार्य करेगा। बिहार बायोमैट्रिक्स सिस्टम के तहत सभी विभागों में पदाधिकारियों व कर्मचारियों की बायोमैट्रिक्स उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था विकसित की जा रही है। पटना के इको पार्क में वाई-फाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए 10 स्थान चिन्ह्ति किए गए हैं। 60 मिनट के स्लॉट में वाई-फाई सेवा उपलब्ध करायी जायेगी।

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बिहार के सरकारी विभागों में ऑनलाइन खरीदारी में विगत दो महीने में दोगुने से अधिक की प्रगति हुई है। 10 सितम्बर तक जहां 46.70 करोड़ की, वहीं अब तक 127 करोड़ की खरीदारी हुई है और 32 करोड़ की खरीद प्रक्रियाधीन है। त्वरित, पारदर्शी और बाजार से कम दर के अलावा जेम से खरीददारी की प्रक्रिया ऑनलाइन व कैशलेस है।

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इस मौके पर जेम प्रेरक के तौर पर आईजी प्रोविजन, कमल किशोर सिंह और वित्त विभाग के संयुक्त सचिव उदयन मिश्रा सहित पटना नगर निगम, पुलिस मुख्यालय, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बी.आर. अम्बेदकर विवि, मुजफ्फरपुर, मगध विवि, एमआईटी, मुजफ्फरपुर, कई नगर पंचायतों सहित 20 टॉप खरीदारों तथा 10 विभागों को जेम से खरीद करने के लिए पुरस्कृत किया गया।

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सुशील मोदी के ट्वीट

  • जिस परिवार के 11 में से 6 सदस्य भ्रष्टाचार के मामले में सजायाफ्ता या चार्जशीटेड हैं, उस परिवार के वारिस  दूसरों पर बिना किसी सबूत-दस्तावेज के मनमाने आरोप लगा रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए ही वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर मानहानि का मुकदमा कर उन्हें बाकायदा हाथ जोड़ कर माफी मांगने को मजबूर किया था। बिहार में कुछ लोग स्वच्छ छवि के सामाजिक कार्यकर्ताओं को ऐसे ही कड़े कानूनी जवाब के लिए मजबूर कर रहे हैं।
  • एनडीए सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता सम्भालते ही कालेधन के खिलाफ एसआईटी का गठन किया और कई देशों के साथ वित्तीय जानकारी साझा करने का समझौता किया, जिससे 70 देशों में 1.5 लाख करोड़ रुपये के कालाधन का पता चला। 400 लोगों को आयकर का नोटिस भेजा गया, जबकि यूपीए सरकार ने गांधी परिवार के दोस्तों को खुले हाथ से कर्ज बांट कर 10 लाख करोड़ का एनपीए घोटाला किया। राहुल गांधी, मायावती और लालू प्रसाद कालेधन के खिलाफ मुहिम चलाने वाले प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर किसकी मदद कर रहे हैं?

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