ई. सच्चिदानंद राय ने भाजपा के खिलाफ अपनाया बागी तेवर
- 22 अप्रैल को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में करेंगे नामांकन
- कहा- देश का चौकीदार ठीक, लेकिन महाराजगंज का चोर
- एनडीए को चलाता है जदयू, उसी के इशारे पर कटा टिकट
छपरा (सारण)। महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का महाराज बनने के लिए घमासान मचा है। राजद उम्मीदवार रणधीर सिंह हैं। रणधीर प्रभुनाथ सिंह के बेटे हैं। भाजपा ने जनार्दन सिंह सिग्रीवाल को मैदान में उतारा है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) से लालू प्रसाद के साले साधु यादव खम ठोंक रहे हैं। इनके अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार भी ताल ठोंकने को बेताब हैं। इन्हीं निर्दलीयों में एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय भी हैं। उन्होंने भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
यह भी पढ़ेंः हेलमेट व किताबें बांट कर बच्चों का जीवन बचा व संवार रहा युवा
सारण निकाय क्षेत्र के एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने घोषणा की कि स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से वे चुनाव लड़ने जा रहे हैं। श्री राय ने कहा कि ब्रह्मर्षि समाज के साथ पार्टी ने नाइंसाफी की है। इस जाति के लोगों को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः मोरारजी देसाई खुद का बैठकखाना यानी घर नहीं बनवा सके थे
उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जितने भूमिहार और ब्राह्मण को टिकट दिया गया था, इस बार उतना नहीं मिला है। मात्र एक ही टिकट बेगूसराय से मिल पाया है। महाराजगंज से भी टिकट देने की बात कही गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जदयू के इशारे पर हमारा टिकट काट दिया गया है।
यह भी पढ़ेंः मलिकाइन के पाती- पोखरा खोनाइल ना, घरियार डलले डेरा
एमएलसी रहते हुए अपने किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि हमने अपने स्तर से समाज सेवा के लिए भरपूर प्रयास किया। मैंने स्कूल खोला, जहां क्षेत्र के बच्चे अच्छे तरीके से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसा कि देश का चौकीदार तो सही है, लेकिन महाराजगंज का चौकीदार चोर है। सुशासन की सरकार में हर जगह विकास तो हुआ, लेकिन सारण में कहीं भी विकास नहीं हुआ।
यह भी पढ़ेंः जानिए अपने वोट की कीमत, एक वोट से गिरी थी अटल सरकार
महाराजगंज के चौकीदार बेल पर हैं, अब यह बताने की जरूरत नहीं कि बेल पत्र लेकर कौन घूमते हैं औए ये चौकीदार तो दो-दो बेल लेकर घूम रहे हैं। उन्होंने हाफिजपुर कॉलेज की चर्चा करते हुए कहा कि पहले वहां रुपए का बंदरबांट हो जाया करता था। लड़कों से ज्यादा रुपये लिये जाते थे। रुपये लेने की रसीद किसी को नहीं दिया जाता था। जब से कॉलेज मैं सचिव बना, एक-एक रुपये की रसीद दी जाती है।
यह भी पढ़ेंः जेल और बेल वाले लोग ही चौकीदार को दे रहे गालीः सुशील मोदी